नौकरी की दौड़ में जिंदगी की रेस हार गया रांची का विकास लिंडा

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रांची : नौकरी की दौड़ में जिंदगी की रेस एक और अभ्यर्थी हार गया. उत्पाद विभाग में सिपाही की बहाली की दौड़ के बाद रांची के नामकुम रामपुर के रहनेवाले 21 वर्षीय विकास लिंडा की रविवार को मौत हो गई. विकास ने अंतिम सांस साहिबगंज सदर अस्पताल में ली.

साहिबगंज जिला मुख्यालय के जैप-9 में उत्पाद विभाग में सिपाही के पद के लिए हो रही दौड़ के दौरान शनिवार को विकास लिंडा की हालत गंभीर होने पर उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के बाद विकास लिंडा की हालत में सुधार हो रहा था.

उसने अपने सहयोगियों से कहा था कि वह रविवार को वनांचल एक्सप्रेस से रांची चला जाएगा. लेकिन, रविवार सुबह 3 बजे से उसकी हालत दोबारा बिगड़ने लगी. इलाज के दौरान सुबह साढ़े 6 बजे विकास लिंडा की मौत हो गयी.

अभ्यर्थी विकास लिंडा की मौत की खबर सुनते ही सिविल सर्जन डॉ प्रवीण कुमार संथालिया, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रंजन कुमार, इंस्पेक्टर राजीव रंजन सहित पुलिस पदाधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे. जिरवाबाड़ी थाना पुलिस ने विकास के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद एंबुलेंस से रांची भेज दिया. उत्पाद विभाग की बहाली दौड़ में अब तक झारखंड में 9 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है.

मृतक विकास लिंडा के शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल द्वारा गठित 3 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की टीम ने किया. मेडिकल बोर्ड की टीम में डीएस डॉ रंजन कुमार, डॉ मुकेश कुमार व डॉ मोहन मुर्मू शामिल थे. मेडिकल टीम ने मृतक के शव का बिसरा प्रिजर्व कर लिया है. इधर डॉक्टर के अनुसार, सांस फूलने व धड़कन तेज होने के चलते उसने दम तोड़ दिया.

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