आज पुरी में बाहुड़ा यात्रा; भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा-बड़े भाई बलभद्र के साथ मंदिर लौटेंगे

Rath-yatra

पुरी : ओडिशा के पुरी में आज भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा निकाली जाएगी। भगवान जगन्नाथ अपने जन्मस्थान माने जाने वाले गुंडिचा मंदिर में एक सप्ताह बिताने के बाद आज बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ अपने रथों पर सवार होकर 12वीं शताब्दी के मंदिर लौटेंगे। इसी के साथ रथ यात्रा उत्सव का समापन हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि बाहुड़ा यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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गौरतलब है कि 27 जून को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई थी। इसके दो दिन बाद 29 जून को गुंडिया मंदिर के पास भगदड़ मच गई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और करीब 50 लोग घायल हो गए थे। इस भगदड़ को ध्यान में रखते हुए बाहुड़ा यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

एक अधिकारी के अनुसार, मंदिर शहर में पुलिस के 6,000 और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 800 जवान तैनात किए जाएंगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भगदड़ जैसी कोई घटना दोबारा न हो। उन्होंने बताया कि मौसम अनुकूल होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, जिसके चलते विशेष यातायात व्यवस्था भी की गई है।

अधिकारी ने बताया कि भीड़ और शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक एआई तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। डीजीपी वाईबी खुरानिया खुद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ तटीय शहर पुरी में मौजूद हैं, ताकि बाहुड़ा यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराया जा सके। खुरानिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने त्योहार को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी संभव उपाय किए हैं।’

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अनुसार, देवताओं की ‘पहांडी’ या जुलूस दोपहर 12 बजे शुरू होगा। पुरी के राजा गजपति महाराज दिव्यसिंह देब दोपहर 2:30 बजे से 3:30 बजे के बीच छेरा-पोरा के नाम से जाने जाने वाले रथों की औपचारिक सफाई करेंगे। इसके बाद रथों में घोड़े जोड़े जाएंगे। शाम 4 बजे से रथ खींचने का काम शुरू होगा। इससे पहले, शुक्रवार शाम को ‘संध्या दर्शन’ अनुष्ठान के दौरान हजारों भक्तों ने गुंडिचा मंदिर में देवताओं के दर्शन किए।