पलक्कड़ : राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से 2 सितंबर तक तीन दिवसीय समन्वय बैठक शुरू हो गई। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और अन्य नेता पहुंचे। इस बैठक की शुरुआत में वायनाड में भूस्खलन की घटना और इसमें मदद के लिए संघ कार्यकर्ताओं के कामों के बारे में जानकारी साझा की गई।
आरएसएस की यह बैठक 31 अगस्त से 2 सितंबर तक होगी। इसमें आरएसएस से प्रेरित करीब 32 संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिनके करीब 320 कार्यकर्ता शामिल होंगे। संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक, यह आरएसएस की कार्यकारी बैठक नहीं है, बल्कि उससे जुड़े विभिन्न संगठनों की बैठक है। इस बैठक में आरएसएस से प्रेरित संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने काम की जानकारी साझा करेंगे और अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों, हाल की महत्वपूर्ण घटनाओं और सामाजिक बदलाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। आंबेडकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बैठक में बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में विजयादशमी के दिन जब आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा, तब संगठन पांच नई पहलों की शुरुआत करेगा। इनमें सामाजिक समरसता, परिवार जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, आत्म-निर्भरता और नागरिक दायत्व शामिल हैं।
आरएसएस नेता ने कहा, सामाजिक समरसता के तहत संगठन समाज में एकता और सामंजस्य को बढ़ाने की कोशिश करेगा। परिवार जागरूकता के तहत यह देखेगा कि कैसे परिवारों को मजबूत किया जा सकता है और वे राष्ट्र निर्माण में कैसे योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने कहा, पर्यावरण संरक्षण पहल में संगठन पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए लोगों को उनके जीवनशैली में बदलाव करने के लिए प्रेरित करेगा। वहीं, आत्मनिर्भरता के तहत संगठन स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा और नागरिक दायित्व के तहत लोगों को उनके अधिकारों के साथ-साथ उनके नागरिक कर्तव्यों की भी याद दिलाई जाएगी।