नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची जिस मूर्ति का अनावरण किया था, वो आज तेज हवा के थपेड़ों से ढह गई. मूर्ति गिरने के बाद से विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को निशाने पर ले लिया है. उनका आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया गया था. प्रतिमा मालवन स्थित राजकोट किले में अपराह्न करीब एक बजे ढही.
एक अधिकारी ने बताया कि विशेषज्ञ प्रतिमा के ढहने के वास्तविक कारण का पता लगाएंगे. उन्होंने कहा कि जिले में बीते दो-तीन दिनों में भारी बारिश हुई है और तेज हवाएं चली हैं. पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर पिछले साल चार दिसंबर को प्रतिमा का अनावरण किया था. वह किले में आयोजित समारोहों में भी शामिल हुए थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राकांपा (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखरेख नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया. इसने केवल कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रित किया गया. उन्होंने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार केवल नयी निविदा जारी करती है, कमीशन लेती है और उसके अनुसार ठेके देती है.
शिवसेना (यूबीटी) विधायक वैभव नाइक ने भी काम की कथित खराब गुणवत्ता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर सकती है. प्रतिमा के निर्माण और स्थापना के लिए जिम्मेदार लोगों से पूछताछ होनी चाहिए. महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि मुझे घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. उधर पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि हम उसी स्थान पर एक नयी प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम मामले को तुरंत और प्रभावी ढंग से हल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे.