नई दिल्ली : असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने कामरूप मेट्रो के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी है। जुबीन की मौत 19 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता बिजन महाजन ने बताया कि 3,500 पन्नों की चार्जशीट में बड़ी कार्रवाई करते हुए सात गिरफ्तार व्यक्तियों में से चार पर धारा 103 (भारतीय न्याय संहिता – बीएनएस) के तहत हत्या का आरोप लगाया गया है।
5-10 साल की सजा हो सकती है : हत्या के आरोपितों में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानू महंत, गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत शामिल हैं। अगर आरोप सिद्ध होता है तो बीएनएस की धाराओं के तहत मौत की सजा या उम्रकैद तक हो सकती है। वहीं जुबीन के चचेरे भाई और निलंबित एपीएस अधिकारी संदीपान गर्ग पर धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आरोप तय किया गया है। इस धारा में अपराध की प्रकृति के अनुसार उम्रकैद से लेकर 5-10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इसी के साथ, गायक को सुरक्षा प्रदान करने वाले दोनों पीएसओ परेश बैश्य और नंदेश्वर बोरा पर आपराधिक विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं, जिससे इस मामले की जटिलता और बढ़ गई है। इस बीच, सिंगापुर पुलिस बल भी अपनी स्वतंत्र जांच कर रहा है। उनका कहना है कि अब तक की प्रारंभिक जांच में किसी फाउल प्ले के संकेत नहीं मिले, और पूरी जांच में तीन महीने का समय लग सकता है।
विधानसभा में उठा था जुबीन गर्ग की मौत का मामला : असम विधानसभा के हालिया सत्र में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि जुबीन गर्ग की मौत “साफ-साफ हत्या” है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब अदालत में आगे की प्रक्रिया यह तय करेगी कि इस उच्च-प्रोफाइल और भावनात्मक रूप से संवेदनशील मामले की दिशा आगे क्या रूप लेगी।
उल्लेखनीय है कि जुबीन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वे वहां नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के चौथे संस्करण में भाग लेने गए थे। उनकी मौत ने पूरे असम और पूर्वोत्तर में गहरा सदमा पैदा कर दिया था और व्यापक स्तर पर निष्पक्ष जांच की मांग उठी थी।
