SNMMCH : यहां मुर्दो के साथ भी छल और धोखा…! दिखावे की है मोर्चरी कैबिनेट, लापरवाही की हद ?

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धनबाद-NewsXpoz : इन दिनों इंसानों के साथ ठगी व झांसा देने की कई घटनाएं सामने आती रहती है। लेकिन क्या आपने मुर्दों को झांसा देने की बात सुनी या देखी है। अगर नहीं तो आज हम बताते है कि कैसे अस्पताल में मुर्दों को झांसा दिया जा रहा है…! इसे अंजाम देने वाला कोई आम व्यक्ति या ठग नहीं है। यह सब कुछ सरकार की देखरेख में सरकारी अस्पताल में पिछले कई सप्ताह से हो रहा है। अब ऐसे में मुर्दे भला क्या करेंगे … क्योंकि जिम्मेवार ही उनके साथ धोखा कर रहे है।

यह है मामला : कोयलांचल के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में घटना-दुर्घटना में मृत लोगों के शवों को सुरक्षित रखनेवाले इकलौते मोर्चरी कैबिनेट में पिछले कई दिनों से तकनीकी खराबी आयी हुई है। लेकिन उक्त खराब मोर्चरी कैबिनेट में दिखावे के लिए शव को रखा जा रहा है। जो लोगों व मृतकों के परिजनों को दिग्भ्रमित कर रही है। परिजन समझते है कि मृतक के शव को सुरक्षित रखा गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हे और मृतक के शव के साथ अस्पताल प्रबंधन सुनियोजित तरीके से छल कर रहा है।

शवों के साथ “पहले आओ-पहले पाओ” का सिद्धांत लागू : अस्पताल सूत्रों की माने तो SNMMCH के इमरजेंसी वार्ड का इकलौता मोर्चरी कैबिनेट में दो शव रखने की व्यवस्था है। हालांकि कई बार शवों की संख्या दो से अधिक हो जाती है, तो वह बरामदे में चादर से ढक कर रख दिया जाता है। स्थिति यह है कि शवों के साथ “पहले आओ-पहले पाओ” का सिद्धांत लागू है। क्योंकि जो शव पहले आता है उसे मोर्चरी कैबिनेट में स्थान मिलता है। जबकि शवों की संख्या दो से ज्यादा होने पर उसे बरामदे में स्ट्रेचर पर रखा जाता है।

देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि मानो मोर्चरी कैबिनेट पूरी तरह काम कर रहा है। लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले 10 दिनों से मोर्चरी कैबिनेट में तकनीकी खराबी की वजह से शवों को निर्धारित तापमान पर नहीं रखा जा रहा है। जिससे कुछ ही घंटों के बाद शवों की स्थिति बदतर होने लगती है। जिससे शवों के पोस्टमार्टम होने पर जांच रिपोर्ट में विसंगतियां आने की आशंका बढ़ जाती है।

पिछले कई सप्ताह से ख़राब है मोर्चरी कैबिनेट : अस्पताल सूत्र बताते हैं कि इमरजेंसी वार्ड के इस इकलौते मोर्चरी कैबिनेट में समस्याएं और दिक्कतें कई माह पहले ही उत्पन्न हो गई थी। जैसे मोर्चरी कैबिनेट के स्ट्रेचर का पहिया और खूंटी टूटा हुआ है। जिससे शव को रखने और निकालने में परेशानी होती है। ऐसे में शव को किसी भरे हुए बोरे की तरह कैबिनेट में जबरन धकेल कर रखना पड़ता है। जो सामाजिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इस वजह से अस्पताल कर्मियों की मृतक के परिजनो से अक्सर झड़प हो जाती है।

क्या होता है मोर्चरी कैबिनेट : शवों को 0°C – 8°C पर थोड़े समय के लिए स्वच्छ परिस्थितियों में रखने के लिए मोर्चरी कैबिनेट का निर्माण किया जाता है। कम तापमान में शरीर को ठंडा रखता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह शव को सड़ने से बचाता है। मोर्चरी कैबिनेट एक रेफ्रिजरेटर होता हैं, जिनका उपयोग अस्पतालों और क्लीनिकों में 7 दिनों से कम समय के लिए शवों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट : अमन्य सुरेश (8340184438)

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