नई दिल्ली : हरियाणा के धीरज हीलियम गैस के सिलिंडर से जुड़े पाइप को मुंह में डाले हुए बिस्तर पर पड़े थे। धीरज महिपालपुर में पीजी में रहते थे। पुलिस ने सिलिंडर व पाइप के साथ शव को पोस्टमार्टम के लिए लेडी हार्डिंग अस्पताल भेज दिया। बाराखंभा थाना पुलिस को एयरबीएनबी गेस्ट हाउस से पीसीआर कॉल आई कि एक मेहमान का दरवाजा अंदर से बंद है और बदबू आ रही है।
धीरज ने यहां पहली मंजिल पर 28 जुलाई तक 1-बीएचके लिया था। गेस्ट हाउस मालिक ने बताया कि धीरज को सोमवार को कमरा छोड़ना था। पुलिस एफएसएल व दमकल की मदद से तीन प्रवेश द्वारों में से एक को तोड़कर अंदर पहुंची। बिस्तर पर पीठ के बल धीरज का शव पड़ा था।
सुसाइड नोट में धीरज ने लिखा-प्लीज मेरी मौत पर दुखी मत होना। मेरे लिए, मौत मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। आत्महत्या करना बुरा नहीं है, क्योंकि मुझ पर किसी की जिम्मेदारी नहीं थी और मैं किसी से बहुत जुड़ा हुआ नहीं था, न ही कोई मुझसे था। मेरी वजह से कोई अवसाद में नहीं जाएगा। धीरज ने मास्क पहना हुआ था, जो पतले नीली पाइप से वाॅल्व व मीटर वाले सिलिंडर से जुड़ा था। चेहरे पर पतली पारदर्शी प्लास्टिक लिपटी हुई थी और गर्दन पर सील थी।
सीए ने मरने से पहले नोट में लिखा, मैं चला जाऊंगा, किसी को दोषी नहीं ठहराया जाए
गोल मार्केट के एक होटल में हीलियम गैस से खुदकुशी करने वाले हरियाणा निवासी सीए धीरज के दाहिने हाथ के नीचे से पुलिस ने अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइड नोट बरामद किया। धीरज ने सुसाइड नोट में लिखा, यदि आपको मेरी पोस्ट (फेसबुक पोस्ट) नहीं मिलती है तो यह नोट लिख रहा हूं। ऐसा न हो फेसबुक पर पोस्ट कोई डिलीट कर दे। मैं चला जाऊंगा और इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जाए।
बाराखंभा थाना पुलिस को जांच में पता चला कि धीरज के पिता की 2003 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसकी मां ने किसी और से शादी कर ली। उसका कोई भाई-बहन नहीं है। वह फिलहाल एक पीजी में रह रहा था और पेशे से सीए है। उसके चाचा और चचेरे भाई आ गए थे।
पुलिस के अनुसार आत्महत्या के एक तरीके के रूप में हीलियम से सांस लेना दुर्लभ है। ये खुदकुशी करने का बहुत ही घातक तरीका है। हीलियम एक निष्क्रिय गैस है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन को समाप्त कर देती है, जिससे बिना किसी संघर्ष या आघात के दम घुटने लगता है।