सुपौल : सुपाैल के आईसीडीएस कार्यालय में रिश्वत लेने के आरोप में गुरुवार को सदर थाने की पुलिस ने डीपीओ शोभा सिन्हा और डाटा एंट्री ऑपरेटर चंदन को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई डीएम सावन कुमार और एसपी सरथ आरएस के संयुक्त निर्देश में की गई। डीपीओ और डाटा एंट्री ऑपरेटर को सदर थाना पुलिस ने हिरासत में लिया है।
दरअसल नवनियुक्त महिला पर्यवेक्षक से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के नाम पर आईसीडीएस डीपीओ द्वारा 25 हजार रुपए की मांग की गई थी। रिश्वत नहीं देने पर बहाली रद्द करने की धमकी दी गई थी। इसकी सूचना बुधवार से ही डीएम के पास थी।
गुरुवार को जैसे ही एलएस ने आईसीडीएस कार्यालय पहुंचकर पैसे ऑपरेटर को दिए, डीएम अपने कार्यालय कक्ष से सीधा निकलकर आईसीडीएस कार्यालय पहुंचे। जांच के दौरान ऑपरेटर चंदन के पास से नकद रुपए बरामद हुए। पूछताछ में चंदन ने स्वीकार किया कि यह राशि रिश्वत की है। उसने बताया कि डीपीओ के कहने पर उसने यह रुपए लिए हैं।
इसके बाद डीपीओ के चैंबर में छापेमारी की गई। वहां से भी नकद रुपए मिले। छापेमारी के दौरान दोनों जगहों से कुल 1.80 लाख रुपए जब्त किए गए। डीएम सावन कुमार ने बताया कि मौके से बरामद राशि और अन्य साक्ष्य रिश्वतखोरी की पुष्टि करते हैं। यह गंभीर अनियमितता है। इसी आधार पर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इधर, इस छापेमारी से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है।
बुधवार को एक एलएस ने डीएम को इसकी शिकायत की। डीएम ने गुरुवार तक मामले को गोपनीय रखा। वही गुरूवार को आईसीडीएस कार्यालय के पल-पल की खबर डीएम गोपनीय रूप से रख रहे थे। जैसे ही एलएस ने ऑपरेटर को पैसे दिए, डीएम सीधा पहुंचे और ऑपरेटर की जेब से नगर राशि बरामद की। बाद में सीसीटीवी को खंगालने पर एलएस से ऑपरेटर द्वारा राशि लेने की पुष्टि भी हुई। जिसके बाद डीपीओ के केबिन से भी छापेमारी कर पैसे बरामद किए गए। मौके से कुल 1.80 लाख रुपए जब्त किए गए। पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी एलएस के बयान दर्ज किए। वही मामले की जांच जारी है।
जिले में जनवरी माह में 13 महिला पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी। मुख्यमंत्री ने 20 जनवरी को टाउन हॉल में सभी को नियुक्ति पत्र सौंपा था। छह महीने बीतने के बाद भी इनका डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन पूरा नहीं हुआ था। इसी कारण किसी को वेतन नहीं मिला था। हाल ही में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसी दौरान डीपीओ द्वारा डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर सभी एलएस से 25 हजार रुपए की मांग की गई थी।