चेन्नई : मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्युटिकल है। यह कंपनी 14 वर्षों से तमिलनाडु के कांचीपुरम की एक जर्जर इमारत में बेरोकटोक काम कर रही थी। यहां दवाइयां बेहद गंदगी के बीच बिना किसी उचित सुविधाओं और नियमों के पालन के बनाई जा रही थीं।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हुई मौतों के बाद तमिलनाडु के औषधि अधिकारियों की नींद खुली और उन्होंने 2011 से लाइसेंस प्राप्त निर्माण यूनिट का निरीक्षण किया और बाद में परिसर को सील कर दिया। मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रक से पत्र मिलने के एक दिन बाद किए गए इस निरीक्षण में कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर दवा निर्माण, परीक्षण और पैकिंग तक, हर स्तर पर 364 गंभीर और बड़े उल्लंघनों की पुष्टि हुई।
मध्य प्रदेश से भी एसआईटी का सात सदस्यीय दल चेन्नई पहुंचकर दवा फैक्टरी की जांच की और खामियों पर रिपोर्ट तैयार की है। कांचीपुरम में वरिष्ठ औषधि निरीक्षक पी नितिन कुमार और तिरुवल्लूर में आर शशिकुमार ने परिसर का निरीक्षण किया और पाया कि कंपनी ने दवाओं के निर्माण के लिए कच्चे माल, प्रोपिलीन ग्लायकॉल का एक गैर-फार्मास्युटिकल ग्रेड खरीदा था। यानी दवा बनाने के लिए उपयुक्त नहीं था। बावजूद इसके कंपनी ने न तो इसकी शुद्धता जांची और न ही इसमें डायथिलीन ग्लायकॉल या एथिलीन ग्लायकॉल की मात्रा का परीक्षण किया।
औषधि निरीक्षकों ने पाया कि इस घटिया केमिकल से कई दवाएं तैयार की गईं। जांच टीम ने पाया कि कंपनी के पास उस समय प्रोपलीन ग्लायकॉल का कोई स्टॉक नहीं था। कंपनी के पास रसायन खरीद का कोई चालान भी नहीं था। इससे शक और गहरा गया कि कंपनी ने केमिकल को तेजी से खत्म कर दस्तावेज छिपाने की कोशिश की।
फरार चल रहे श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी के निदेशक रंगनाथन गोविंदराजन (73) ने मद्रास कॉलेज से फार्मेसी में स्नातक किया था। 80 के दशक में वह ‘प्रोनिट’ नामक एक हेल्थ टॉनिक चेन्नई के हर दुकानों पर जा-जाकर बेचता था।
वह इसे गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी बताते थे। इसकी सफलता में तब रुकावट आई जब राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने इस दवा को अवैध घोषित कर दिया और कहा कि इसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के लिए राज्य औषधि नियंत्रण विभाग से पूर्व अनुमोदन नहीं लिया गया। औषधि नियंत्रण विभाग ने रंगनाथन पर ‘फूड सप्लीमेंट्स’ श्रेणी में एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सिरप बेचने का मामला दर्ज किया। क्योंकि उनके पास वैध ड्रग लाइसेंस भी नहीं था।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री व उपयोग पर रोक लगा दी। अरुणाचल प्रदेश औषधि नियंत्रण ने श्रीसन फार्मास्युटिकल से निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री, वितरण और भंडारण पर प्रतिबंध लगाने संबंधी परामर्श जारी किया है। तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन ने भी दो कफ सिरप रीलाइफ और रेस्पीफ्रेश टीआर के खिलाफ सार्वजनिक चेतावनी – उपयोग बंद करने का नोटिस जारी किया। इन दोनों सिरप में एक जहरीले पदार्थ की मिलावट पाई गई है।