नहीं रहे पद्मश्री मुसाफिर राम भारद्वाज, 103 वर्ष में हुआ निधन

Tatakalna-Rama-Bharat

भरमौर : पद्मश्री एवं राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिव चेले मुसाफिर राम भारद्वाज का शुक्रवार शाम घर पर लगभग 6.45 बजे निधन हो गया। वह लगभग 103 वर्ष के थे। कुछ समय से अस्वस्थ थे। शनिवार को पठानकोट के दुनेरा में पंचतत्व में विलीन हुए।

वह चंबा के उपमंडल भरमौर के सचुईं गांव के रहने वाले थे। वह वर्तमान में पंजाब के जिला पठानकोट की धारकलां तहसील के तहत आने वाले दुनेरा के धारकलां में रह रहे थे। उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर है।

भगवान शिव के चेले मुसाफिर राम भारद्वाज का आशीर्वाद लेने प्रदेशभर के साथ पूरे देश से लोग आते थे। उन्हें वर्ष 2014 में कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म भरमौर के सचुईं गांव निवासी दीवाना राम के घर पर हुआ था। वह पारंपरिक वाद्य यंत्र पौण माता बजाने में माहिर थे। उन्होंने 13 वर्ष की आयु में ही पौण माता बजाना सीख लिया था। इसके अलावा वह किसान के साथ दर्जी भी थे।