नई दिल्ली : थाईलैंड और कंबोडियाई के सैनिकों के बीच सीमा पर झड़प में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में अधिकतर आम नागरिक हैं। दोनों पक्षों ने छोटे हथियारों, तोप और रॉकेट से हमले किए है। अभी तक दोनों देशों ने पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया है, जिससे त्वरित राजनयिक समाधान की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से ‘‘अधिकतम संयम बरतने और किसी भी मुद्दे को बातचीत के माध्यम से हल करने’’ का आग्रह किया है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच झड़प का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रॉयल कंबोडियन आर्मी थाईलैंड में लक्ष्यों पर आरएम-70 मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमएलआरएस) से ताबड़तोड़ हमले कर रही है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर स्कूलों और अस्पतालों सहित कई इलाकों को निशाना बनाने के लिए तोपखाने और रूस निर्मित BM-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। थाई सेना ने एक बयान में कहा, “इन बर्बर कृत्यों ने बेवजह कई लोगों की जान ले ली है और कई निर्दोष नागरिकों को घायल किया है।”
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने चेतावनी दी है कि सीमा पार झड़पें “युद्ध में बदल सकती हैं।” उन्होंने कहा कि कंबोडिया ने कई मोर्चों पर हमले शुरू कर दिए हैं और थाईलैंड अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मौजूदा स्थिति में घुसपैठ और आक्रामकता की गतिविधियां शामिल हैं जो लोगों के जीवन को नुकसान पहुंचा रही हैं। स्थिति गंभीर हो गई है और युद्ध की स्थिति में बदल सकती है। वर्तमान में, यह भारी हथियारों से जुड़ा एक टकराव है।”
ओड्डार मींचे प्रांत में कंबोडिया के मुख्य अधिकारी जनरल खोव ली ने शुक्रवार को कहा कि प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर के पास सुबह-सुबह फिर से झड़पें शुरू हो गईं। अधिकारी ने यह भी कहा कि बृहस्पतिवार को हुई झड़प में कम से कम चार आम नागरिक घायल हुए हैं और सीमा से लगे गांवों से 4,000 से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा जिन्हें आश्रय केंद्रों में भेजा गया है। यह कंबोडियाई पक्ष की ओर से किसी के हताहत होने के बारे में दी गई पहली जानकारी है।