लखनऊ : बांग्लादेशी, रोहिंग्या नागरिकों का फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के दो और सदस्यों सहारनपुर से बृहस्पतिवार देर रात गिरफ्तार किया है। इनमें बेहट निवासी अक्षय सैनी और थाना कोतवाली देहात निवासी तालिब अंसारी शामिल है। इस मामले में एटीएस अब तक 10 लोगों को दबोच चुकी है।
वहीं जांच में सामने आया है कि इस गिरोह के तार यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, एनसीआर के साथ राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाणा तक फैले हैं। इस गिरोह का सरगना आजमगढ़ का मोहम्मद नसीम है, जिसे बाकी सात लोगों के साथ बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था। एटीएस गिरोह के बाकी सदस्यों को तलाश रही है।
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि यह गिरोह इलेक्ट्रॉनिक और मैनुअल तरीके से बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या घुसपैठियों के साथ विदेशी नागरिकों और अपात्रों के फर्जी आधार कार्ड समेत भारतीय नागरिकता के तमाम दस्तावेज बनाता है।
गिरोह के सदस्य पंजीकृत जनसेवा केंद्रों में नौकरी करके सरकारी दस्तावेज बनाने की प्रक्रिया को समझते हैं और अधिकृत यूजर आईडी, पासवर्ड, थंब इंप्रेशन, आईरिश स्कैन अवैध रूप से हासिल करता है। वह अधिकृत लैपटॉप के मैक नंबर फाइंडिंग और जीपीएस को बाईपास कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते हैं।
दलालों के माध्यम से ऐसे लोगों से संपर्क करते हैं, जिनके पास भारतीय नागरिकता का कोई दस्तावेज नहीं है। ऐसे लोगों के फर्जी दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, शपथ पत्र आदि तैयार करने के बाद आधार कार्ड बनाता है।
खासकर वर्ष 2023 के बाद 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का सीधे आधार बनाने पर लगी रोक के मामले में वह फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर उनकी आयु कम दर्शा देता था और उनके आधार कार्ड जारी कर देता है। इसके लिए वह डमी यूजर भी बनाने के साथ सिस्टम आईडी का दुरुपयोग भी करते हैं।
एटीएस की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह द्वारा बनाए गए फर्जी आधार कार्ड के जरिये पासपोर्ट बनवाने वालों में बांग्लादेशी, रोहिंग्या, नेपाली नागरिकों के साथ पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल हैं। फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए यह गिरोह 2 हजार रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक वसूलता था। फर्जी आधार के जरिये पासपोर्ट, अन्य सरकारी दस्तावेज और सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा रहा था।
इस गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों के पास से डीएम से लेकर लेखपाल तक के फर्जी स्टांप आदि बरामद किए गए हैं। एटीएस के इस खुलासे के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और संबंधित राज्यों की पुलिस भी सतर्क हो गई है और तमाम जगहों पर लगातार छापे मारे जा रहे हैं।