WEF 2026 : दावोस में चार CM और 100 से ज्यादा सीईओ होंगे शामिल, भारत की होगी मजबूत मौजूदगी

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नई दिल्ली : विश्व आर्थिक मंच यानी डब्ल्यूईएफ की 2026 की वार्षिक बैठक में भारत की मौजूदगी इस बार पहले से कहीं ज्यादा मजबूत रहने वाली है। स्विट्जरलैंड के दावोस में 19 से 23 जनवरी 2026 तक होने वाली इस बैठक में भारत के चार मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके साथ भारत के 100 से अधिक बड़े सीईओ भी दावोस पहुंचेंगे।

डब्ल्यूईएफ की यह बैठक पांच दिन तक चलेगी, जिसमें कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने की भी संभावना है। इस दौरान भारत सरकार, राज्य सरकारों और उद्योग जगत के प्रतिनिधि दुनिया के नेताओं के सामने निवेश, विकास और वैश्विक सहयोग से जुड़े मुद्दे रखेंगे। उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों की भी इस बैठक में मजबूत भागीदारी रहने की उम्मीद है, जिससे भारत की आर्थिक और नीतिगत तस्वीर वैश्विक मंच पर और साफ तौर पर सामने आएगी।

मुख्यमंत्री और सरकारी तंत्र की भागीदारी : डब्ल्यूईएफ 2026 में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारी भी दावोस में नजर आएंगे। इनमें गेल के संदीप कुमार गुप्ता, एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी, एनटीपीसी के गुरदीप सिंह और आरईसी के जितेंद्र श्रीवास्तव शामिल हैं। इससे साफ है कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों ही स्तर पर भारत की तैयारी मजबूत है।

मुकेश अंबानी से निखिल कामथ तक उद्योग जगत की मौजूदगी : दावोस पहुंचने वाले भारतीय उद्योगपतियों की सूची भी काफी लंबी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, बजाज समूह के संजीव बजाज और जुबिलेंट भारतिया समूह के चेयरमैन हरि एस भारतिया इस मंच पर मौजूद रहेंगे। इनके अलावा एक्सिस बैंक के सीईओ अमिताभ चौधरी, गोदरेज इंडस्ट्रीज के नादिर गोदरेज, जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल, जेरोधा के निखिल कामथ, भारती समूह के सुनील भारती मित्तल, इंफोसिस के नंदन नीलेकणि और सलील एस पारेख, विप्रो के रिशद प्रेमजी, एस्सार के प्रशांत रूइया, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा और रिन्यू के सुमंत सिन्हा भी शामिल होंगे।

वैश्विक नेताओं की बड़ी भागीदारी : इस बैठक में दुनिया के कई बड़े नेता और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे। विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय एस बंगा, आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, ईसीबी अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस, यूनेस्को के महानिदेशक खालिद अल-एनानी और डब्ल्यूटीओ प्रमुख डॉ न्गोजी ओकोन्जो-इवेला मौजूद रहेंगे। पाकिस्तान से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य वरिष्ठ नेता भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं।

संवाद की भावना पर होगी चर्चा : डब्ल्यूईएफ के मुताबिक, इस साल बैठक की थीम ‘संवाद की भावना’ रखी गई है। इसका मकसद एक ऐसे निष्पक्ष वैश्विक मंच की जरूरत को बताना है, जहां देश मिलकर साझा समस्याओं का समाधान निकाल सकें। बैठक में अधिक प्रतिस्पर्धी दुनिया में सहयोग, विकास के नए रास्ते, लोगों में निवेश, जिम्मेदारी के साथ नवाचार और पृथ्वी की सीमाओं के भीतर समृद्धि जैसे पांच बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बार करीब 130 देशों से 3,000 वैश्विक नेता और लगभग 60 राष्ट्राध्यक्ष दावोस में जुटेंगे।