यूपी : अस्पताल की आड़ में चल रहा था फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज

yupi-hospital

अम्बेडकर नगर : अकबरपुर के सदरपुर-अकबरपुर रोड पर अस्पताल की आड़ में फर्जी पैरामेडिकल कॉलेज संचालित करने का खुलासा हुआ है। सीएमओ स्तर से हुई जांच में सामने आया कि यह पैरामेडिकल कॉलेज बिना किसी मान्यता के आरके हॉस्पिटल एंड मेडिकल सेंटर की आड़ में चलाया जा रहा था। यहां बिना वैध मान्यता के ही नर्सिंग और फार्मेसी कोर्स चला कर मोटी फीस लेकर उन्हें फर्जी मार्कशीट थमाई जा रही थी।

हैरानी की बात यह है कि जिस निजी अस्पताल की आड़ में इस फर्जी कॉलेज को चलाया जा रहा था, उसके लाइसेंस का भी नवीनीकरण नहीं था। जांच में फर्जी मार्कशीट देने के आरोप की पुष्टि के बाद सीएमओ कार्यालय की तरफ से पुलिस में पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ग्राम गौरा सोनगांव की मीना ने सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल से की गई शिकायत में बताया था कि उन्होंने वर्ष 2021 में आरके पैरामेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था। उनकी परीक्षा सहारनपुर ले जाकर कराई गई थी। 

इसी तरह फरीदपुर कला के श्रीश चंद्र वर्मा ने बताया कि उन्हें जो मार्कशीट दी गई, उस पर स्टेट बोर्ड ऑफ फार्मेसी, भुवनेश्वर, ओडिशा अंकित था, लेकिन लखनऊ पुलिस ने प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर सत्यापन कराने के लिए कहा था। पुंधर मौहरिया के अनूप कुमार पटेल ने भी श्रीश चंद्र जैसे ही फर्जी मार्कशीट देने का आरोप लगाया था। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की ओर जब उत्तर प्रदेश नर्सिंग फैकल्टी लखनऊ से इस कॉलेज की वैधता के संबंध में जानकारी मांगी गई तो बताया गया कि उक्त नाम के किसी भी कॉलेज की कोई मान्यता फैकल्टी से नहीं मिली है।

28 जून को सीएमओ के निर्देश पर टीम कॉलेज की जांच करने पहुंची तो पता चला कि परिसर में एक चिकित्सालय भी संचालित था, जिसका पंजीकरण 30 अप्रैल 2025 को समाप्त हो चुका था। निरीक्षण के दौरान संचालक कॉलेज व अस्पताल के पंजीयन से जुड़ा कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए तो अस्पताल का अधिकांश भाग सील कर दिया गया था। इसके बाद अस्पताल संचालन ने तीन जुलाई को अस्पताल के नवीनीकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया।

बिना मान्यता संचालित हो रहे पैरामेडिकल कॉलेज में छात्रों से मोटी फीस वसूल कर फर्जी मार्कशीट दिए जाने की शिकायत पर पूरे मामले की जांच कराई गई। सामने आया कि पैरामेडिकल कॉलेज का अवैध तौर से संचालन हो रहा था। अस्पताल का नवीनीकरण भी नहीं कराया गया था। फर्जी कॉलेज संचालित करने और मार्कशीट देने के मामले में केस दर्ज कराया गया है। -डॉ. संजय कुमार शैवाल, सीएमओ