नई दिल्ली : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई. चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर बच्चों के शवों को बाहर निकाला गया. मौके पर जिलाधिकारी समेत सभी प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए हैं. झांसी अग्निकांड पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक्शन में आ गए हैं, मौके पर भेजे गए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. सीएम योगी ने कमिश्नर और DIG से 12 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है.
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात करीब रात साढ़े बजे भीषण आग लगने के बाद हादसे में 10 नवजात बच्चों की झुलसकर मौत हो गई. उनके शव निकाले जा चुके हैं. आग लगने के बाद खिड़की तोड़कर 37 बच्चे निकाले गए हैं. मौके पर दमकल की 6 गाड़ियां मौजूद हैं. आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां और सेना का दमकल वाहन भी मौके पर पहुंचा, जिसके बाद दमकल कर्मियों ने भारी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. इस संबंध में जांच कमेटी बना दी गई है. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हादसे पर संज्ञान लिया है. राहत बचाव कार्य के आदेश दिए हैं. डीएम समेत तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर बच्चों को बचा लिया गया है. एनआईसीयू वार्ड की दो यूनिट हैं, एक अंदर और दूसरी बाहर की तरफ. आग अंदर की ओर से लगी. जानकारी के मुताबिक, सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. कुछ समय तक समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों ने जब एसएनसीयू वार्ड से धुंआ निकलते देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई.
अस्पताल के कर्मचारी शिशु वार्ड की तरफ भागे. रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे-पीछे भागे. हालांकि, आग की लपटों और धुंआ की वजह से कोई वार्ड में नहीं घुस पाया. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने खिड़की का शीशा तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. हालांकि, एसएनसीयू वार्ड के अंदर जगह कम होने कारण दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.