कानपुर : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से शर्मनाक खबर सामने आई है। मरम्मत के चलते शनिवार को सुबह 6:10 बजे वाहनों के लिए यमुना पुल बंद कर दिया गया। पुल बंद होने के 34 मिनट बाद सुबह करीब 6:44 बजे भाजपा विधायक की कार तो गुजर गई, लेकिन मजदूर की मां का शव लेकर सुबह 9:30 बजे आई एंबुलेंस को नहीं जाने दिया।
बेटे को मां का शव स्ट्रेचर पर रखकर करीब एक किमी लंबा पुल पार करना पड़ा। इसके बाद शव को ऑटो से लेकर घर जाना पड़ा। इसी तरह 21 जून को भी प्रमुख सचिव का काफिला पुल बंद होने के बाद निकाला गया था।
हालांकि, विधायक का कहना है कि वह कार में नहीं थे। उनके बीमार भाई को लेकर पिता कार कानपुर गए हैं। बता दें कि कानपुर-सागर हाईवे पर स्थित यमुना पुल को मरम्मत के लिए शनिवार सुबह छह बजे से वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया।
पैदल आने-जाने वालों पर रोक नहीं थी। सुबह 6:44 बजे सदर विधायक की कार पार कराने के लिए बैरिकेडिंग हटा दी गई। इसी बीच सुबह 9:30 बजे सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव निवासी बिंदा कानपुर से निजी एंबुलेंस से मां शिव देवी (63) का शव लेकर पुल के पास पहुंचे।
पुल पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने एंबुलेंस को नहीं जाने दिया। मजबूर होकर एंबुलेंस में रखे स्ट्रेचर पर मां का शव लेकर पुल पार किया। इसके बाद वह शव को ऑटो से लेकर घर गए।
यमुना पुल से शनिवार की सुबह छह बजे से सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन दो दिनों के लिए रोक दिया गया है। कानपुर आने के लिए लोगों को कुरारा-मनकी मार्ग से गुजारा जा रहा है। मार्ग सिंगल व बड़े-बड़े गड्ढे होने से वाहन चालकों को 25 किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे का समय लग गया।
शनिवार को कार्यदायी संस्था ने यमुना पुल के 10 नंबर पिलर पर मरम्मत कार्य शुरू किया। कोठी की दो बेयरिंग नई बदली गईं, जबकि छह बेयरिंग की मरम्मत व ग्रीसिंग की गई। इस दौरान पैदल यमुना पुल पार करने वाले यात्रियों का आना जाना लगा रहा।