नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हुए इस्लामिक आतंकियों के हमले से पूरे देश में रोष पसरा हुआ है. इस बर्बर घटना के बाद से मोदी सरकार भी फुल एक्शन मोड में है और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए सघन अभियान में जुटी हुई है.
सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है. एजेंसी के अधिकारी पहले से ही कश्मीर में पहुंचे हुए थे. आदेश मिलने के तुरंत बाद उन्होंने जांच अपने हाथ में लेकर वारदात की कड़ियां जोड़नी शुरू कर दी हैं.
वर्ष 2019 में सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हुए भीषण अटैक के बाद यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. इस हमले में 2 विदेशी पर्यटकों समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी. आतंकियों ने मजहब पूछकर पुरुष हिंदू पर्यटकों को अलग खड़ा कर लिया.
इसके बाद एक-एक करके उन्हें गोलियों से भून दिया गया. कई पर्यटकों ने जान बचाने के लिए अपने नाम मुस्लिम बताए तो उनकी पैंट उतरवाकर देखा गया कि उनका खतना हुआ है या नहीं. इसके बाद हिंदू होने की पुष्टि होते ही उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया.
हिंदू पर्यटकों को चुन-चुनकर मारे जाने की घटना के कुछ ही घंटों के अंदर एनआईए की टीम पहलगाम पहुंच गई थी. तब से डीआईजी के नेतृत्व में पहुंची एजेंसी की टीम जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच में जुटी थी. हालांकि सरकार की ओर से आदेश जारी न होने की वजह से वह जांच में सहायक की भूमिका में थी. एनआईए की टीम ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर घटनास्थल का दौरा किया. साथ ही घायलों और स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए.
सूत्रों का कहना है कि एजेंसी ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर 3 संदिग्ध आतंकियों के स्केच तैयार करवाए हैं. उन स्केच को पुलिस को दिखाकर आरोपियों की शिनाख्त करवाई गई है. जिससे पता चला है कि हमले में शामिल रहे आतंकियों के नाम अबू तल्हा, सुलेमान शाह और आसिफ फैजी थे. एजेंसी यह भी जांच करने में जुटी थी कि इस हमले में स्थानीय लोगों की क्या भूमिका रही.
इसके साथ ही हमले में पाकिस्तानी लिंक को भी खंगाला जा रहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में दोषियों के नाम से पर्दा उठ सकता है और फिर आतंकियों को उनके किए की सजा मिल सकती है.