अमरावती : पीएम मोदी आज केरल और आंध्र प्रदेश के दौरे पर हैं। अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को आंध्र प्रदेश की ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती में 58,000 करोड़ की 94 परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, अमरावती ग्रीनफील्ड राजधानी के पुनर्निर्माण के तहत पीएम मोदी 49,000 करोड़ की 74 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें विधानसभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय भवन और न्यायिक आवासीय क्वार्टरों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा वे 5,028 करोड़ की नौ केंद्रीय परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे, जिनमें कृष्णा जिले के नागायलंका में डीआरडीओ का मिसाइल परीक्षण केंद्र, विशाखापट्टनम में यूनिटी मॉल, गुंटकल-मल्लप्पा गेट रेल ओवरब्रिज शामिल हैं।
साथ ही प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश में 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न खंडों का चौड़ीकरण, सड़क ओवर ब्रिज और सबवे का निर्माण आदि शामिल हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र को रेलवे परियोजनाएं भी समर्पित करेंगे जिनका उद्देश्य कनेक्टिविटी और क्षमता को बढ़ाना है।
इन परियोजनाओं में बुग्गनपल्ले सीमेंट नगर और पन्यम स्टेशनों के बीच रेल लाइन का दोहरीकरण, रायलसीमा और अमरावती के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना और न्यू वेस्ट ब्लॉक हट केबिन और विजयवाड़ा स्टेशनों के बीच तीसरी रेल लाइन का निर्माण शामिल है।
वहीं, पीएम आंध्र प्रदेश के नागयालंका में करीब 1,460 करोड़ रुपये की लागत वाली मिसाइल परीक्षण रेंज की आधारशिला भी रखेंगे। इसमें एक प्रक्षेपण केंद्र, तकनीकी उपकरण सुविधाएं, स्वदेशी रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम शामिल होंगे जो देश की रक्षा तैयारियों को बढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार देर शाम केरल के तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पहुंचे, जहां सीएम पिनाराई विजयन, केंद्रीय मंत्री जाॅर्ज कुरियन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उनका स्वागत किया। पीएम यहां शुक्रवार को 8,867 करोड़ से बने विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का आधिकारिक रूप से उद्घाटन करेंगे।
यह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है जो विकसित भारत के एकीकृत दृष्टिकोण के तहत भारत के समुद्री क्षेत्र में किए जा रहे परिवर्तनकारी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। यह वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने, रसद दक्षता को बढ़ाने और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगा।