रांची : भाजपा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को झारखंड सरकार से कहा कि राज्य में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचानने और बाहर निकालने के लिए एक खास टीम (स्पेशल टास्क फोर्स) बनाई जाए। चंपई सोरेन ने बताया कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ तेजी से बढ़ रही है, जिससे यहां की आदिवासी जनसंख्या का खतरा बढ़ रहा है।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं केंद्र सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उसने देश में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। अब मैं झारखंड सरकार से भी मांग करता हूं कि वह राज्य में ऐसे घुसपैठियों को पहचानने और निकालने के लिए एक खास टीम बनाए।” उन्होंने खासकर संथाल परगना और कोल्हान इलाके का जिक्र किया, जो आदिवासी इलाक़े हैं, और कहा कि वहां की जनसंख्या घुसपैठियों की वजह से बदल रही है।
चंपई सोरेन ने कहा कि वे हमेशा धर्मांतरण और घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार इस पर चुप्पी बनाए हुए है। उन्होंने कहा, “ये घुसपैठिए आदिवासियों और असली लोगों के अधिकार छीन रहे हैं।”
चंपई सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड में महिलाएं अब सुरक्षित नहीं हैं, और सरकार अपराधियों का साथ दे रही है। उन्होंने बोकारो की एक घटना का उदाहरण दिया, जिसमें 8 मई को 25 साल के अब्दुल नाम के युवक ने एक आदिवासी लड़की के साथ गलत कोशिश की। लोगों ने उसे पकड़कर पीटा, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इसके बाद, राज्य सरकार के एक मंत्री अब्दुल के परिवार से मिलने गए और मुआवजा देने की बात कही, जो हैरान करने वाली है। चंपई सोरेन ने पूछा, “क्या ऐसे कदम बलात्कारियों को बढ़ावा नहीं देंगे?”
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि जो आदिवासी अपना धर्म बदल चुके हैं, उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण का फायदा नहीं मिलना चाहिए।