यूपी : एक मोबाइल ने ले ली तीन की जान, कुएं में थी जहरीली गैस

yupi-well-death

शिकोहाबाद : यूपी के शिकोहाबाद में मोबाइल निकालने कुएं में उतरे चाचा-भतीजों को बाहर निकालने में प्रशासन की लेटलतीफी एवं बदइंतजामी सामने आई। फायर ब्रिगेड की टीम खराब ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर ही मौके पर पहुंच गया। 
सिलिंडर से गैस का रिसाब हो रहा था। दूसरा सिलिंडर एक घंटे बाद लाया जा सका। लेटलतीफी को देखकर ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कई बार विरोध प्रकट किया। जिसको सीओ ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

शिकोहाबाद के नगला पोहपी में कुएं में गिरे मोबाइल को निकालने बारी-बारी कुएं में उतरे चचेरे भाई ध्रुव कुमार, अजय कुमार एवं अजय का चाचा चंद्रवीर कुएं में जहरीली गैस होने के चलते बेहोश हो गए थे। उनको कुएं से बाहर निकालने के लिए ग्रामीणों समेत प्रशासनिक अमला भी मौके पर आ गया था।

प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल ही फायर ब्रिगेड की टीम को भी मौके पर बुला लिया। घटना की जानकारी मिलने पर शिकोहाबाद फायर ब्रिगेड प्रभारी बृजेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर आ पहुंचे, लेकिन जैसे ही फायरकर्मी को ऑक्सीजन सिलिंडर लगाकर कुएं में प्रवेश करने के लिए भेजा गया। वैसे ही सिलिंडर से गैस का रिसाव होने लगा। 
एडीएम विशु राजा, एसडीएम डॉ. गजेंद्र सिंह समेत तमाम पुलिसकर्मियों एवं खुद अग्निशमन प्रभारी बृजेश कुमार ने सिलिंडर को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन रिसाव जारी रहा। ऐसे में कुएं से तीनों को बाहर निकलवाने में लगभग दो घंटे की देरी हो गई।

फायर ब्रिगेड की बदइंतजामी के चलते प्रशासनिक अधिकारी भी असहाय हो गए। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण महिला-पुरुषों ने अधिकारियों पर गुस्सा प्रकट किया। ग्रामीणों के बढ़ते हुए गुस्से को देखकर सीओ प्रवीण तिवारी एवं इंस्पेक्टर अनुज राणा ने माइक लेकर सभी ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। 
दोपहर पौने तीन बजे करीब दूसरा ऑक्सीजन सिलिंडर एवं एफएसओ सतेंद्र पाण्डेय के आने के बाद रेस्क्यू शुरू किया जा सका। तीनों के शवों को कुएं से बाहर निकाला जा सका।

अजय की मां अरना देवी एवं पत्नी पिंकी देवी और उसके दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार बेसुध हो रही थीं। ग्रामीण महिलाओं ने भी प्रशासनिक अधिकारियों एवं फायर ब्रिगेड की लेटलतीफी पर उन्हें जमकर खरीखोटी सुनाई।

कुएं में ऑक्सीजन का स्तर पता करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने मोमबत्ती को अंदर भेजा, लेकिन 10 फुट नीचे जाते ही मोमबत्ती बुझने लगी। ऑक्सीजन का स्तर की जांच करने के बाद ही फायरकर्मी नीचे गया। 
उसने पहले चंद्रवीर को बाहर निकाला। इसके बाद उसकी भी तबीयत बिगड़ गई। दूसरे कर्मचारी ने ध्रुव को बाहर निकाला। जिसके बाद दूसरे फायरकर्मी की भी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद अजय को बाहर निकाला गया।

सीएफओ सत्येंद्र पांडेय ने बताया कि युवकों को कुएं से बाहर लाने के लिए 2.30 घंटे से अधिक का समय लग गया। दो फायरमैन नेत्रपाल और योगेंद्र को ऑक्सीजन सिलिंडर के सहारे कुएं में भेजा गया था। रेस्क्यू में 4-4 किलो के 10 ऑक्सीजन सिलिंडर खाली हो गए।

  • दोपहर 1:00 बजे-मोबाइल कुआं में गिरा
  • 1:10 बजे करीब ध्रुव कुआं में उतरा
  • 1:30 बजे करीब पीछे से अजय कुआं में उतरा
  • 1:50 बजे करीब आखिरी में चंद्रवीर कुआं में उतरा
  • 2:00 बजे करीब ग्रामीण महिला-पुरूष खेत पर पहुंचे
  • 2:10 बजे प्रशासनिक अधिकारी फायर ब्रिगेड संग पहुंचे
  • 2:20 बजे करीब ऑक्सीजन सिलिंडर लीक होने की जानकारी हुई
  • 2:39 बजे एफएसओ सतेंद्र पाण्डेय आखिरी में घटनास्थल पर पहुंचे
  • 3:10 बजे करीब ऑक्सीजन का दूसरा सिलिंडर लाया गया
  • 3:30 बजे चंद्रवीर का शव कुआं से निकाला गया
  • शाम 4:00 बजे करीब अजय का शव कुआं से निकाला गया
  • शाम 5:10 बजे करीब ध्रुव का शव कुआं से निकाला गया