नेपाल में युवाओं का आंदोलन उग्र, कर्फ्यू बढ़ा; 27 गिरफ्तार

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नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ नेपाल में शुरू हुए प्रदर्शन ने देशभर की राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया। ऐसे में अब राजधानी काठमांडू समेत पूरे देश में जेनरेशन जेड द्वारा चलाए जा रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया है। हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाओं के बीच नेपाली सेना ने 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही कर्फ्यू को भी बढ़ा दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट की माने तो गिरफ्तारियां मंगलवार रात 10 बजे से बुधवार सुबह 10 बजे के बीच हुईं। इस दौरान देश भर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, और आग बुझाने के लिए तीन दमकल गाड़ियां भी भेजी गईं।

बता दें कि काठमांडू के गौशाला-चाबाहिल-बौद्ध इलाके से सुरक्षा बलों ने चोरी की गई करीब 33.7 लाख नेपाली रुपये की नकदी बरामद की। इसके अलावा, पुलिस ने 31 गन, मैगजीन और गोला-बारूद जब्त किए हैं, जिनमें से 23 काठमांडू और आठ पोखरा से बरामद हुए। हाल की झड़पों में 23 पुलिसकर्मी और 3 आम नागरिक घायल हुए हैं, जिनका इलाज सैन्य अस्पतालों में चल रहा है।

सेना ने कर्फ्यू बढ़ाया निषेधाज्ञा भी लागू : बढ़ते हिंसा के प्रकोप को देखते हुए देशभर में कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लगा दी गई है। निषेधाज्ञा बुधवार शाम पांच बजे तक लागू रहेगी। वहीं कर्फ्यू गुरुवार 26 सितंबर को सुबह 6 बजे से शुरू होगा। आगे की स्थिति के अनुसार फैसला लिया जाएगा। सेना ने कहा है कि कुछ अराजक तत्व हिंसा, लूटपाट, आगजनी और दुष्कर्म जैसे अपराध कर रहे हैं। सेना ने सभी से शांति बनाए रखने और अपराधियों का समर्थन न करने की अपील की है।

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन में अबतक क्या-क्या हुआ : बता दें कि इस पूरे हिंसा में काठमांडू में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। हिल्टन होटल पूरी तरह जल गया। राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में तोड़फोड़ और आग लगाई गई। पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल के घर में आग लगने से उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से झुलस गईं और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कांतिपुर मीडिया ग्रुप के मुख्यालय में भी आग लगाई गई।

इतना ही नहीं हिंसा के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शन आठ सितंबर को शुरू हुए थे, जब सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया था। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार खत्म करने, सरकार में पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के सवालों के जवाब देने की मांग कर रहे हैं।