चीन सीमा के पास न्योमा एयरबेस शुरू, भारत की सामरिक ताकत में बड़ा इजाफा

China-Airbase

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से महज 23 किलोमीटर दूर वायुसेना का मुध-न्योमा एयरफोर्स स्टेशन अब पूरी तरह चालू हो गया है। अब यहां वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और परिवहन विमान संचालित व तैनात हो पाएंगे। सूत्रों ने बताया कि खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बुधवार को यहां सी-130जे विमान उतारा।

लद्दाख के मुध गांव के पास बने इस एयरबेस के रनवे को सीमा सड़क संगठन ने पिछले साल ही तैयार किया था, जबकि एयरबेस के लिए ज़रूरी अन्य ढांचागत सुविधाएं चंद दिन पहले पूरी कर ली गईं। यह लद्दाख का चौथा एयरबेस है। इस इलाके में लेह एयरबेस पूरी तरह चालू है। साथ ही, कारगिल और सियाचिन के थॉइस से भी विमान उड़ान भर सकते हैं। दौलत बेग ओल्डी में भी रनवे मौजूद है।

न्योमा एयरफोर्स स्टेशन के पूरी तरह शुरू होने से यहां लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं और उनमें ईंधन भरने और रखरखाव संबंधी सुविधाएं भी मौजूद हैं। खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि न्योमा एयरबेस एक गेमचेंजर साबित होगा। हालांकि करीब 13,700 फीट की ऊंचाई पर माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में लड़ाकू विमानों का रखरखाव चुनौतीपूर्ण होता है। सामरिक क्षमताएं बढ़ाने के लिए चुशूल में एलएसी से केवल 4 किलोमीटर दूर भी एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड तैयार किया जा रहा है।

पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने कहा कि एयरबेस को चालू करने की कोशिश पिछले 15 वर्षों जारी थी। अग्रिम मोर्चे पर न्योमा के तैयार होने से सेना के लिए हथियारों व रसद की आपूर्ति आसान हो जाएगी। किसी भिडंत की सूरत में प्रतिक्रिया में लगने वाला समय कम लगेगा।