नई दिल्ली : नए साल से मोबाइल पर बात करना महंगा हो जाएगा। कमाई और निवेश बढ़ाने के लिए दूरसंचार कंपनियां मोबाइल टैरिफ की दरों में इजाफा कर सकती हैं। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि कंपनियां अप्रैल-जून तिमाही से 4जी और 5जी प्लान की कीमतों में 16 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी करेंगी। यह पहले के अनुमान से कहीं अधिक तेजी से और जल्द बढ़ोतरी है। इसके पहले 15 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने 15 दिसंबर की एक रिपोर्ट में कहा, हमारा अनुमान है कि 2026 में प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों तरह के 4जी एवं 5जी प्लान की कीमतों में तेज वृद्धि होगी। सस्ते प्लान को बंद करने और स्ट्रीमिंग सेवाओं को केवल प्रीमियम प्लान के साथ ही जोड़ने जैसे हालिया कदम यह संकेत देते हैं कि कंपनियां ग्राहकों को बढ़ी कीमतों के लिए तैयार कर रही हैं।
आठ वर्षों में यह चौथी बड़ी मूल्य वृद्धि होगी। इससे पहले कंपनियों ने 2024 में 15 फीसदी, 2021 में 20 फीसदी व 2019 में 30 फीसदी वृद्धि की थी। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, हर बार जब एयरटेल जैसी मजबूत कंपनियों ने अधिक राजस्व अर्जित किया, तो कमजोर प्रतियोगी पीछे रह गए।
हाल में दूरसंचार कंपनियों ने कम कीमत वाले प्लान हटा दिए हैं या ओवर-द-टॉप (ओटीटी) जैसी कुछ सुविधाओं को अधिक कीमत वाले प्लान में स्थानांतरित कर दिया है। इससे ग्राहकों को अपग्रेड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और प्रभावी रूप से प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) में वृद्धि हो रही है। विश्लेषकों ने कहा, हमने देखा है कि अतीत में जब भी टैरिफ में वृद्धि हुई है, भारती एयरटेल प्रमुख लाभार्थियों में से एक रही है। इसने कमजोर कंपनियों की तुलना में राजस्व में असमान रूप से अधिक वृद्धि दिखाया है।
एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने हाल के वर्षों में तीन बार प्रीपेड टैरिफ बढ़ाए हैं। ब्रोकरेज फर्म के मध्यम अवधि के संभावित अनुमानों से संकेत मिलता है कि 2031-32 तक एआरपीयू 370 और 390 के बीच रहेगा। ब्रोकरेज फर्म ने एयरटेल के संदर्भ में कहा, तीन से पांच वर्षों में कंपनी के एआरपीयू में 5-6 फीसदी की वृद्धि के लिए डाटा मोनेटाइजेशन महत्वपूर्ण कारक होगा। वह 2026 के बाद बिना टैरिफ वृद्धि के भी 400 रुपये तक कमाएगी।
