120 किमी की मारक क्षमता वाले पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री राजनाथ ने दी बधाई

DRDO-Mission

नई दिल्ली : डीआरडीओ ने सोमवार को 120 किमी की मारक क्षमता वाले पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट का सफल परीक्षण किया। पिनाका रॉकेट का पहला सफल परीक्षण चांदीपुर में किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ और अन्य हितधारकों को बधाई दी।

पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MBRL) ने भारत की स्वदेशी रक्षा शक्ति को नई धार दी है। 120 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के साथ यह भारतीय सेना की आर्टिलरी क्षमता का प्रमुख आधार बनेगा। यह प्रणाली न सिर्फ लंबी दूरी तक सटीक हमला करने में सक्षम है, बल्कि आधुनिक युद्ध की बदलती जरूरतों के अनुरूप कई उन्नत खूबियों से भी लैस है।

पिनाका रॉकेट सिस्टम का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने किया है, जबकि इसके निर्माण और आपूर्ति में भारतीय रक्षा उद्योग की अहम भागीदारी रही है। यह पूरी तरह स्वदेशी प्रणाली है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को मजबूती देती है। पिनाका का शुरुआती संस्करण लगभग 40 किलोमीटर की रेंज तक सीमित था, लेकिन तकनीकी सुधारों के साथ इसकी मारक क्षमता पहले 60 और 75 किलोमीटर तक बढ़ाई गई। अब 120 किलोमीटर रेंज वाला संस्करण इसे दुनिया की आधुनिक रॉकेट आर्टिलरी प्रणालियों की कतार में खड़ा करता है।

120 किमी रेंज वाले पिनाका रॉकेट्स में उन्नत गाइडेंस सिस्टम लगाया गया है, जिससे यह अत्यधिक सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकते हैं। इसमें इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) और सैटेलाइट आधारित मार्गदर्शन तकनीक का उपयोग किया गया है, जो लक्ष्य से विचलन को न्यूनतम करता है। इसके कारण कोलेटरल डैमेज कम होता है और प्रभावशीलता बढ़ती है।

पिनाका रॉकेट की एक बड़ी खासियत इसकी तेज फायरिंग क्षमता है। एक लॉन्चर से कुछ ही सेकंड में कई रॉकेट दागे जा सकते हैं, जिससे दुश्मन के बड़े इलाके को कम समय में कवर किया जा सकता है। इसे ‘शूट एंड स्कूट’ क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है, यानी फायरिंग के तुरंत बाद लॉन्चर अपनी स्थिति बदल सकता है, जिससे दुश्मन की जवाबी कार्रवाई से बचाव होता है।

इन रॉकेट्स में विभिन्न प्रकार के वारहेड विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे हाई एक्सप्लोसिव, प्री-फ्रैगमेंटेड और एरिया सैचुरेशन वारहेड। इससे दुश्मन के बंकर, सैन्य ठिकाने, लॉजिस्टिक बेस, रनवे और बख्तरबंद वाहनों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाया जा सकता है।

पिनाका सिस्टम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रेगिस्तान, पहाड़ी और अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सके। यह दिन-रात और हर मौसम में संचालन में सक्षम है। पिनाका लॉन्चर को व्हील्ड प्लेटफॉर्म पर लगाया गया है, जिससे इसकी गतिशीलता बढ़ जाती है और इसे तेजी से किसी भी मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है। कम समय में रीलोडिंग की सुविधा इसे निरंतर अभियान के लिए उपयोगी बनाती है।

भारतीय सेना पहले ही पिनाका रॉकेट रेजीमेंट्स को अपनी आर्टिलरी यूनिट्स में शामिल कर चुकी है। 120 किलोमीटर रेंज वाला संस्करण सेना को दुश्मन के गहराई में स्थित ठिकानों पर भी सटीक प्रहार की क्षमता देगा। इससे न केवल सामरिक बढ़त मिलेगी, बल्कि डिटरेंस क्षमता भी मजबूत होगी।