रांची : एनआईए ने झारखंड में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी ने 36 लाख रुपये भी जब्त किए। इस बाबत जांच एजेंसी ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है। इसमें बताया गया कि ये कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन सीपीआई(माओवादी) कैडरों की गिरफ्तारी और गोला बारूद की बरामदगी से जुड़े एक मामले में चार जगहों पर की गई।
जारी बयान में कहा गया कि इस मामले में रांची और लातेहार जिलों में दो-दो दगहों पर संदिग्धों के परिसरों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान 36,30,000 रुपये की नगदी, आपत्तिजनक पोस्टर, डिजिटल उपकरण और कई अन्य दस्तावेज जब्त किए गए।
गौरतलब है कि इस मामले की जांच एनआईए ने 14 जून 2022 को लोहरदगा जिले के पेशरार थाने से अपने हाथ में ली थी। मामले में एनआईए ने 22 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा था कि आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के ओजीडब्ल्यू (ओवरग्राउंड वर्कर) के रूप में काम करते पाए गए। इसके अलावा, जांच से पता चला है कि इन आरोपियों ने सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों को रसद सहायता प्रदान की थी और वे संगठन के सशस्त्र कैडरों द्वारा ली गई लेवी और धन को प्रसारित करने में भी शामिल थे।
वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2021 में बिहार में हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की बरामदगी से जुड़े मामले में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के वरिष्ठ नक्सली को गिरफ्तार किया है। एजेंसी की तरफ से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि उदय जी उर्फ राजेश कुमार सिन्हा नक्सली संगठन का विशेष क्षेत्र समिति सदस्य है।
2021 में दर्ज मामले में उसे शस्त्र कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम समेत विभिन्न कानूनों की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। बयान में कहा गया है कि विस्फोटकों के साथ हथियार बनाने की सामग्री और विभिन्न दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। उदय जी नक्सली संगठन के सदस्य परशुराम सिंह उर्फ नंदलाल को वित्तीय और रसद पहुंचाने में मदद करता था।