रांची-NewsXpoz : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड में आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों को ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी झारखंड के कथित शराब घोटाले के मामले में की गई। ईडी ने झारखंड की राजधानी रांची और छत्तीसगढ़ के रायपुर के शराब कारोबारियों और कुछ बिचौलियों के 15 ठिकानों पर भी मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी मामले को लेकर छापा मारा।
छत्तीसगढ़ पुलिस की एफआईआर के आधार पर की छापेमारी : ईडी की छापामार टीमों के साथ सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद रहे। बीती 7 सितंबर को रायपुर में छत्तीसगढ़ पुलिस एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक मामला दर्ज किया था, जिसमें आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, इंडियन टेलीकॉम सर्विस के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और चार अन्य के भी नाम थे। इसी एफआईआर पर स्वतः संज्ञान लेकर ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की।
अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप : जिन आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है, वे 1999 बैच के अधिकारी हैं और फिलहाल झारखंड सरकार के पंचायती राज विभाग के सचिव हैं। साथ ही राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। साल 2022 में जब झारखंड सरकार ने नई एक्साइज नीति लागू की थी, तो उस वक्त विनय कुमार चौबे ही सीएम हेमंत सोरेन के मुख्य सचिव और एक्ससाइज विभाग के सचिव पद पर थे। पुलिस एफआईआर में कहा गया है कि झारखंड शराब नीति के जरिए शराब कारोबारियों के अवैध गठजोड़ को फायदा पहुंचाया गया और इससे झारखंड सरकार के खजाने को नुकसान हुआ।
एफआईआर में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसी ही शराब नीति लागू की गई थी और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने ही झारखंड सरकार के अधिकारियों को नई शराब नीति बनाने में मदद की थी। शराब की अवैध बिक्री को आईएएस अधिकारी चौबे और गजेंद्र सिंह का संरक्षण मिलने का भी आरोप है। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है, जब झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिलहाल चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है।