‘नौकरी से निकालो, वरना दफ्तर में आग लगा देंगे’, बांग्लादेश में एक और मीडिया चैनल को मिली धमकी

Bangladesh-News-Reporter

ढाका : मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में कट्टरपंथी बेलगाम हैं और पूरे देश में अराजकता और हिंसा का माहौल है। कट्टरपंथी बांग्लादेश के लोकतंत्र को तबाह करने पर तुले हैं और इसके लिए वे स्वतंत्र मीडिया संस्थानों को निशाना बना रहे हैं। जो भी मीडिया संस्थान या पत्रकार बांग्लादेश के मौजूदा हालात और कट्टरपंथियों के खिलाफ बात करता है, उसे निशाना बनाया जा रहा है। 

अब कट्टरपंथियों के निशाने पर आईं हैं बांग्लादेश की वरिष्ठ पत्रकार नाजनीन मुन्नी। कट्टरपंथियों ने ग्लोबल टीवी को धमकी दी है कि अगर उन्होंने 48 घंटे के भीतर नाजनीन मुन्नी को नौकरी से नहीं निकाला तो वे ग्लोबल टीवी के दफ्तर में भी आग लगा देंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीती 21 दिसंबर को कई युवाओं का एक समूह ढाका स्थित ग्लोबल टीवी के दफ्तर पहुंचा था। इन लोगों ने चैनल के एमडी अहमद हुसैन से मुलाकात की और मांग की कि चैनल की न्यूज हेड नाजनीन मुन्नी को तुरंत नौकरी से निकाला जाए। युवाओं के इस समूह ने खुद को एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के सदस्य बताया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इन लोगों ने धमकी दी कि अगर मुन्नी को नौकरी से नहीं निकाला गया तो वे चैनल के ऑफिस को आग लगा देंगे, जिस तरह से प्रोथोम अलो और द डेली स्टार के कार्यालयों में लगाई गई थी। 

गौरतलब है कि छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और कट्टरपंथियों ने प्रोथोम अलो और द डेली स्टार के कार्यालयों में समेत कई इमारतों में आग लगा दी थी। छात्रों का दावा है कि नाजनीन मुन्नी शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की समर्थक हैं। हालांकि मुन्नी ने इन दावों का खंडन किया है।

जिस वक्त चैनल को धमकी दी जा रही थी, उस वक्त नाजनीन मुन्नी ऑफिस में नहीं थीं। बाद में नाजनीन मुन्नी ने भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए चैनल को धमकी मिलने की पुष्टि की। मुन्नी ने कहा कि यह धमकी उसी पैटर्न का हिस्सा है, जिसके तहत पत्रकारों को डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जमुना टीवी की संपादक रुखसाना अंजुमन निकोल को भी धमकी दी गई है।

वहीं एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट के अध्यक्ष रिफत राशिद ने कहा है कि उनके संगठन के सदस्य बिना मंजूरी के चैनल को धमकाने पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि संगठन इसका समर्थन नहीं करता है। साथ ही धमकी देने वाले सदस्यों को कथित तौर पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन पत्रकारों को डराने-धमकाने का समर्थन नहीं करता है।