मुंबई : मशहूर बंगाली निर्देशक उत्पलेंदु चक्रवर्ती का मंगलवार शाम (20 अगस्त) को उनके आवास पर निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे। परिवार के मुताबिक शाम करीब 6 बजे रीजेंट पार्क स्थित उनके आवास पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी बेटियां, अभिनेत्री रिताभरी और चित्रांगदा और पत्नी सतरूपा सान्याल हैं, जो खुद भी एक फिल्मकार हैं।
उत्पलेंदु चक्रवर्ती को साल 1983 में फिल्म चोख के लिए सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इससे पहले वह साल 1981 में अपनी पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार भी जीत चुके थे। उन्हें एनएफडीसी पुरस्कार और राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मानित किया गया था।
अपने फिल्मी करियर में उन्होंने मोयनतादंतो (1980), चंदनीर (1989), फांसी (1988) और देबसिशु (1987) जैसी फिल्में बनाकर लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। उन्होंने सत्यजीत रे और रवींद्र संगीत के प्रतिपादक देवव्रत बिस्वास के संगीत पर उन्होंने डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी।
वह कई वर्षों से सीओपीडी से भी पीड़ित थे। उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा कि उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में एक खालीपन पैदा हो गया है। देश के सबसे पुराने फिल्म क्लबों में से एक सिने सेंट्रल ने चक्रवर्ती के निधन पर शोक व्यक्त किया।