मधेपुरा : मधेपुरा जिले में डीएम तरनजोत सिंह के नाम का दुरुपयोग कर ठगी करने की कोशिश करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने उदाकिशुनगंज के अंचलाधिकारी (सीओ) हरिनाथ राम को निशाना बनाते हुए वाट्सएप कॉल और चैट के जरिए ठगी का प्रयास किया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपी की पहचान कर ली। इसके बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के आमापुर थाना क्षेत्र के लच्छीपुर निवासी ब्रह्मजीत सिंह चौहान को गिरफ्तार किया। आरोपी जगतपाल सिंह चौहान का बेटा है और साइबर ठगी के मामले में पहले से संदेह के घेरे में था।
मधेपुरा के एएसपी प्रवेंद्र भारती ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि 22 मार्च को अंचलाधिकारी हरिनाथ राम के सरकारी मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने वाट्सएप के जरिए कॉल और चैट कर ठगी की कोशिश की। इस घटना के तुरंत बाद सीओ ने मामले की शिकायत पुलिस से की, जिसके बाद साइबर थाना की टीम ने तकनीकी जांच शुरू की।
जांच में सामने आया कि ठगी के प्रयास के पीछे यूपी के कासगंज जिले का ब्रह्मजीत सिंह चौहान था। इसके बाद पुलिस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश जाकर आरोपी को धर दबोचा। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से ठगी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी बरामद किया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में एसआई सुशील कुमार मरांडी, मनोहर प्रसाद यादव, बीरबल कुमार, दीनू कुमार और अजय कुमार की अहम भूमिका रही।
एएसपी प्रवेंद्र भारती ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों को लेकर पुलिस बेहद सतर्क है और आगे भी ऐसे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश को लेकर सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
मधेपुरा पुलिस ने आम जनता को आगाह किया है कि अगर किसी भी सरकारी अधिकारी, डीएम या अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के नाम पर कोई संदिग्ध कॉल या संदेश मिले, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। एएसपी प्रवेंद्र भारती ने कहा कि साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी और ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को जल्द ही सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।