पटना : बिहार में पुल ढहने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस साल हुई बारिश ने राज्य में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। यहां पुल बनाने में जरूरी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता। इसी वजह से बिहार में अधिकतर पुल गिर रहे हैं। ताजा मामला कटिहार के बरारी प्रखंड क्षेत्र का है। यहां बकिया सुखाय पंचायत से बकिया घाट को जोड़ने वाली निर्माणाधीन पुलिया बुधवार को गंगा नदी की तेज बहाव को झेल नहीं पाई।
पूल का एक स्लैब गंगा नदी में समा चुका है। अब पूरे पुल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। स्थानीय ग्रामीणों की माने तो बुधवार को अचानक गंगा में तेज धार से पुल का एक हिस्सा नदी में समा गई, फिलहाल गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण यह पूल चारों ओर से पानी से घिर चुका है।
ग्रामीण कार्य विभाग ने मुख्यमंत्री सड़क संपर्क योजना के तहत एक साल पहले ही बकिया सुखाय गांव से बकिया गंगा नदी घाट तक प्रस्तावित सड़क के लिए पहुंच पथ और दो आरसीसी पुल का निर्माण कराया है। इसे बनाने में लगभग 5 करोड रुपए खर्च किए गए। पिछले एक सप्ताह से हो रहे कटाव के कारण पुल के पिलर के नीचे से मिट्टी तेजी से कट गई, और पुल के पिलर का निब कमजोर होने के कारण इसका एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया है। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की माने तो संवेदक की मनमानी व गलत निर्माण स्थल के चयन के कारण उक्त पुल गंगा नदी की भेंट चढ़ने के लिए तैयार हैं।
गंगा नदी में हो रहे कटाव के बावजूद विभाग के द्वारा कटाव रोकने को लेकर कार्य नहीं किया गया। जिस कारण आरसीसी पुल का एक हिस्सा धस गया साथ ही अब पूरा पुल का अस्तित्व खतरे में है। पुल के पिलर के चारों ओर की मिट्टी बहाव में कट चुकी है,अगर कटाव इसी प्रकार होती रही तो कभी भी पूरा पुल गंगा नदी में समा सकती है।