महाराष्ट्र : मंत्री धनंजय मुंडे ने अचानक दिया इस्तीफा, देवेंद्र फडणवीस ने भी कर लिया स्वीकार

Dhanajay-Munda

नई दिल्ली : महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस्तीफा कबूल कर लिया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय संभाल रहे मुंडे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर यह पद छोड़ा है.

अपने एक करीबी सहयोगी को दिसंबर में बीड जिले में एक सरपंच की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था.

धनंजय मुंडे के इस्तीफे की जानकारी खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के साथ बात करते हुए दी है. फडणवीस ने कहा,’महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने आज अपना इस्तीफा दे दिया है. मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए इसे राज्यपाल के पास भेज दिया है.’

सूत्रों के मुताबिक फडणवीस का यह पत्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ मीटिंग के बाद आया है, जिसमें सरपंच की हत्या के मामले में आरोपपत्र के राजनीतिक नतीजों और कराड की कथित भूमिका के बारे में जांच में सामने आए तथ्यों पर चर्चा की गई थी.

जानकारी के मुताबिक फडणवीस ने सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी की गिरफ्तारी के चलते इस्तीफा देने को कहा था. सूत्रों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने देशमुख हत्या मामले और दो संबंधित मामलों में सीआईडी के ज़रिए दाखिल आरोपपत्र के नतीजों पर चर्चा करने के लिए सोमवार रात फडणवीस से मुलाकात की, जिसमें कराड को आरोपी नंबर एक बनाया गया है.

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुंडे बीड जिले के परली से एनसीपी विधायक हैं. इससे पहले वे बीड के संरक्षक मंत्री थे. वर्तमान में एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के साथ-साथ बीड जिले के संरक्षक मंत्री हैं. बीड के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल 9 दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली की कोशिश को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया, प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1200 से ज्यादा पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया.

बीड के केज पुलिस स्टेशन में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश और फर्म के सुरक्षा गार्ड पर हमला. पुलिस ने इन मामलों में आरोपियों के खिलाफ सख्त महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया है. अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक आरोपी अभी भी फरार है.