धनबाद : ऑनलाइन राखियों का बढ़ा क्रेज, बाजारों में कम दिखाई दे रही चहल पहल

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धनबाद : रक्षाबंधन के त्योहार में मात्र दो दिन शेष हैं, लेकिन बाजारों में पहले की तरह चहल पहल दिखाई नहीं दे रही है। इसका मुख्य कारण ऑनलाइन राखियों और गिफ्ट्स की बढ़ती लोकप्रियता। अमेजन, फ्लिपकार्ट, मेशो जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स ने इस साल बहनों को लुभाने के लिए 40 से लेकर 90 प्रतिशत तक की भारी छूट के साथ एक से बढ़कर एक आकर्षक राखी सेट और गिफ्ट पैक लॉन्च किए हैं। जिसकी वजह से बहनें ऑनलाइन ही खरीददारी कर रहे हैं। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार में अब केवल दो दिन शेष हैं, लेकिन इसके बावजूद शहर के बाजारों में वह चहल-पहल नजर नहीं आ रही है।

जो हर साल इस समय देखने को मिलती थी। मुख्य बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों तक राखियों की दुकानें तो सज चुकी हैं, लेकिन खरीदारों की संख्या बेहद कम है।

 दुकानदारों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शॉपिंग ने तेजी से पैर पसारे हैं, लेकिन इस बार इसका प्रभाव सबसे अधिक महसूस किया जा रहा है। लोग मोबाइल पर एक क्लिक से घर बैठे राखियां मंगवा रहे हैं। जिससे बाजारों में ग्राहक कम आ रहे हैं। विशेष रूप से युवा वर्ग और कामकाजी महिलाएं ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दे रही हैं।

 जिससे स्थानीय दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही महंगाई, विशेष रूप से चांदी की कीमतों में इजाफा भी बिक्री को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में दुकानदारों को उम्मीद है कि अंतिम दो दिनों में बाजार कुछ हद तक गुलजार होंगे और उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

चांदी की राखियों की मांग में भारी गिरावट संभल। पिछले वर्षों में चांदी की राखियों की खूब मांग रही थी। उपहार में देने के लिए लोग बहनों को चांदी की राखियां भेजते थे, लेकिन इस बार चांदी की कीमतों में लगातार वृद्धि होने के कारण चांदी की राखियों की बिक्री में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सर्राफ कुलदीप ऐरन ने बताया कि जहां पिछले साल एक सप्ताह पहले ही स्टॉक खत्म हो जाता था। इस बार खरीदार ही नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे चांदी की राखियां की मांग कम है।

इस समय चांदी के 112000 रुपये प्रतिकिलो ग्राम है। जिसकी वजह से 250 रुपये में मिलने वाली राखी 500 रुपये से 600 रुपये की मिल रही है। जिसकी वजह से लोग चांदी की राखी कम खरीद रहे हैं।

पंचांग के मुताबिक सावन की पूर्णिमा पर भद्रा सूर्योदय से पहले समाप्त होगी। यह 8 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 1 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि इस दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर होगा। इसलिए रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर भद्रा का साया मान्य नहीं होगा।