पटना : बिहार में टेंडर घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा और कसता जा रहा है. गुरुवार को पटना में 8 बड़े अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई. इनमें भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर तारिणी दास का नाम प्रमुख है, जिनके अनीसाबाद स्थित आवास से करोड़ों रुपये कैश मिलने की खबर है. नोटों की गिनती के लिए 4 मशीनें मंगाई गई हैं.
तारिणी दास के अलावा नगर विकास एवं आवास, पुल निर्माण, ऊर्जा, और पथ निर्माण विभाग के वरिष्ठ अफसरों के ठिकानों पर भी ED की रेड जारी है. सभी आरोपी बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) के सीनियर अधिकारी हैं, जिन पर ठेकेदारों को टेंडर मैनेज कराने के बदले मोटी रकम वसूलने का आरोप है.
यह कार्रवाई IAS संजीव हंस टेंडर घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है. पांच महीने पहले ED ने संजीव हंस को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. इस मामले में पूर्व विधायक गुलाब यादव की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. गौरतलब है कि गैंगरेप के एक केस की जांच के दौरान पटना पुलिस को इस टेंडर घोटाले और काली कमाई के पुख्ता सबूत मिले थे. विजिलेंस को मिले इन दस्तावेजों के आधार पर ED ने संजीव हंस और गुलाब यादव के 20 से अधिक ठिकानों पर रेड मारी थी.
पिछली छापेमारी में ED को 90 लाख कैश, 13 किलो चांदी की सिल्ली, बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मिले थे. वहीं, अब तारिणी दास के घर से करोड़ों की नकदी और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिलने की खबर ने इस घोटाले को और बड़ा बना दिया है. ED की इस कार्रवाई से बिहार के प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया है। आने वाले दिनों में और भी अफसरों पर गाज गिर सकती है.