नई दिल्ली : अगर आप भी स्टूडियो घिबली की जादुई दुनिया से प्रेरित डिजिटल आर्ट के फैन हैं, तो सावधान हो जाइए। बिना सोचे समझे AI टूल्स के जरिए घिबली इमेज बनाना कितना खतरनाक हो सकता है, इसकी झलक अब मलने लगी है। हाल ही में चंडीगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि कैसे Ghibli-स्टाइल आर्ट और मर्चेंडाइज की बढ़ती लोकप्रियता को साइबर अपराधी अपने जाल में फंसाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
अब धोखाधड़ी सिर्फ वेबसाइट तक ही सीमित नहीं है। लोगों को Studio Ghibli के नाम से फर्जी ईमेल्स भी भेजे जा रहे हैं, जिनमें मुफ्त गिवअवे, इवेंट इनवाइट्स या प्रमोशनल ऑफर का लालच दिया जाता है। इन ईमेल्स में मैलवेयर लिंक या फेक वेबसाइट्स के रीडायरेक्ट लिंक छुपे होते हैं, जो आपकी पहचान चुरा सकते हैं, डिवाइस को इंफेक्ट कर सकते हैं या आपके निजी डेटा तक पहुंच बना सकते हैं।
सबसे खतरनाक ट्रेंड उन लोगों के लिए है जो “फ्री Ghibli वॉलपेपर”, “स्क्रीनसेवर” या “एनिमेशन पैक” डाउनलोड करते हैं। साइबर सेल ने बताया कि इनमें रैनसमवेयर और स्पाइवेयर छिपा हो सकता है, जो आपके फोन या कंप्यूटर को लॉक कर सकता है, ब्राउजर की जानकारी चुरा सकता है या आपकी निजी फाइलों पर नजर रख सकता है।
आप अगर घिबली इमेज बनाने के लिए किसी AI की वेबसाइट या एप पर फोटो अपलोड कर रहे हैं तो ये काफी खतरनाक हो सकता है। इंटरनेट पर कई ऐसे फर्जी वेबसाइट चल रहे हैं जो घिबली इमेज बनाने का दावा करते हैं। यदि आप इन वेबसाइट्स पर अपनी फोटो-वीडियो अपलोड करते हैं, तो इनका डीप फेक बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। डीप फेस वीडियो या फोटो में किसी और के चहरे को आपके चहरे से बदला जा सकता है।
साइबर सेल ने लोगों को सतर्क रहने के लिए ये सलाहें दी हैं
- केवल वेरिफाइड AI ऐप्स और वेबसाइट्स का इस्तेमाल करें, जिनकी प्राइवेसी पॉलिसी साफ हो।
- अनजान या संदिग्ध प्लेटफॉर्म पर अपनी फोटो अपलोड न करें।
- फ्री कंटेंट डाउनलोड करने से पहले सोचे, उसका सोर्स की जांच करें।
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने या निजी जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें।
कोई भी संदेहास्पद गतिविधि तुरंत www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।