यूरोप : भारत को उकसाया तो पाकिस्तान के अंदर तक जाकर मारेंगे, परवाह नहीं आतंकी कहां है-विदेश मंत्री

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नई दिल्ली/ब्रसेल्स : विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों अपने यूरोप दौरे पर हैं। जहां से उन्होंने आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी है। जयशंकर ने कहा कि अगर भारत को आतंकवादी हमलों के लिए उकसाया गया, तो भारत पाकिस्तान के अंदर तक जाकर हमला करने में हिचकिचाएगा नहीं। ब्रसेल्स में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि हमे परवाह नहीं कि आतंकी कहा है..अगर आतंकी पाकिस्तान के अंदर हैं, तो हम भी पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारेंगे। यह बयान उन्होंने यूरोपीय संघ के उच्च स्तरीय व्यापार संवादों में भाग लेते हुए दिया।

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बात उस सवाल के जवाब में कही, जब बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि अगर फिर से आतंकी हमला होता है तो भारत क्या करेगा। जयशंकर ने इस सवाल के जवाब में सख्त अंदाज में कहा कि अब हम घर में घुसकर मारेंगे…

पाकिस्तान की हरकतों को नहीं सहेगा भारत : अपने बयान में जयशंकर ने आगे कहा कि पाकिस्तान आज भी आतंकवाद को अपनी राजनीतिक नीति का हिस्सा बनाए हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में आज भी हजारों आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए भेजा जा रहा है। जयशंकर ने साफ कहा कि भारत अब इस तरह की हरकतों को सहन नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा।

भारतीय एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान बदहाल : इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत की तरफ से 10 मई को की गई एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रमुख हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया और उनके रनवे व हैंगर बुरी तरह नष्ट हो गए।

सबूत मांगने वालों को भी जयशंकर का जवाब : इस दौरान भारतीय एयर स्ट्राइक्स से पाकिस्तान की होने वाली क्षति को लेकर प्रमाण की पेशकश करने वालों को भी जयशंकर ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सबूत तो वही एयरफील्ड हैं जो अब काम नहीं कर रहे। आप गूगल सैटेलाइट से खुद देख सकते हैं कि पाकिस्तान की हवाई पट्टियों को कितना नुकसान हुआ है।

संघर्ष के मूल कारण अब भी बने हुए हैं : जयशंकर ने चेतावनी दी कि संघर्ष के मूल कारण अब भी बने हुए हैं। उन्होंने कहा, यह (पाकिस्तान) एक ऐसा देश है जो आतंकवाद को राज्य की नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करने में आकंठ डूबा हुआ है। यही असली मुद्दा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछले महीने युद्ध छिड़ने की वजह बनने वाली परिस्थितियां अब भी मौजूद हैं, तो उन्होंने कहा, अगर आप आतंकवाद के प्रति प्रतिबद्धता को तनाव का स्रोत कहते हैं, तो निश्चित रूप से ऐसा है। संघर्ष के दौरान हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि संबंधित अधिकारी सही समय पर जानकारी देंगे।

पाकिस्तान को हुआ नुकसान सबूत है कि राफेल कितनी प्रभावी था : जयशंकर ने कहा, पाकिस्तानी सेना ने भारत को जितनी क्षति पहुंचाई उसके मुकाबले भारत के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों ने पाकिस्तानी वायुसेना को बहुत अधिक क्षति पहुंचाई। इसके कारण पाकिस्तान को शांति के लिए प्रयास करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, जहां तक मेरा सवाल है, राफेल कितना प्रभावी था या स्पष्ट रूप से, अन्य प्रणालियां कितनी प्रभावी थीं – मेरे लिए इसका सबूत पाकिस्तान के नष्ट और अक्षम बनाए गए हवाई क्षेत्र हैं।

लड़ाई सिर्फ इसलिए रुकी क्योंकि हमने उनके 8 हवाई अड्डे निष्क्रिय कर दिए : विदेश मंत्री ने कहा, 10 मई को लड़ाई केवल एक वजह से रुकी, वह यह कि 10 तारीख की सुबह हमने मुख्य आठ पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर हमला किया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने कहा, गूगल पर रनवे और उन हैंगरों की तस्वीरें उपलब्ध हैं, जिन पर हमला हुआ है।

ईयू, फ्रांस, बेल्जियम के नेताओं से मिलेंगे जयशंकर : यूरोप की अपनी सप्ताह भर की यात्रा के दौरान, जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति की पुष्टि करने के लिए यूरोपीय संघ, बेल्जियम और फ्रांस के नेताओं के साथ बातचीतकरेंगे। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, विशेष रूप से पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर, पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद दिया सख्त संदेश : गौरतलब है कि जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया।

इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।