सतना : शहर के पांच बड़े कारोबारियों के यहां मंगलवार की सुबह आयकर विभाग (इनकम टैक्स) ने छापेमारी की। दबिश ऐसी कि एक के बाद एक कारोबारियों के यहां टीम उस वक्त पहुंच गई जब वो नींद से जागे भी नहीं थे। सतना के ये बड़े कुछ समझ पाते इसके पहले ही आयकर की जांच -पड़ताल का आगाज हो गया। एक साथ पड़े कई ठिकानों में छापे के बाद तो शहर में ऐसा हडक़ंप मचा कि जो राडार में नहीं थे। उनको भी पसीना आने लगा।
शहर के गौशाला चौक में तो व्यापारी ने टीम का अंदर ही नहीं आने दिया तो सीढ़ी लागकर अफसरों की टीम ने छत से घर में प्रवेश कर लिया। बड़ी बात तो ये रही कि ये अधिकारी बाराती बनकर पहुंचे थे और जबतक इनकी हकीकत को कोई जान पाता कर चोरी करने वालों की कहानी इनकम टैक्स के अधिकारी गढने लगे।
यूं तो आयकर विभाग के अधिकारियों ने पांंचों कारोबारियों के यहां अल सुबह 6 बजे तब दबिश दे दी जब वो नींद से जागे भी नहीं थे। आनन-फानन में एक के बाद दूसरे सहयोगी कारोबारियों के यहां रेड मार दी गई। अब विभागीय अधिकारी भले ही कुद कहने से परहेज करते रहे हों पर जो जानकारी सामने आ रही है। उसके अनुसार इन कारोबारियों ने 100 करोड़ कीमत की जमीन खरीदी थी और तभी से ये आयकर की राडार में थे और मंगलवार को संयुक्त रूप से सतना के पांचों बड़े व्यापारियों के यहां रेड मारी गई।
आयकर विभाग की टीम की कार्रवाई सुबह से खबर लिखे जाने तक देर शाम जारी रही। दावे यह भी हैं कि ये आयकर की ये पड़ताल अभी जारी रहेगी। आयकर टीम की राडार में रहे कारोबारी सीताराम अग्रवाल के गोशाला चौक स्थित घर पर जब आयकर विभाग की टीम पहुंची तो उन्होंने दरवाजे बंद कर लिए। फिर क्या दर्जन भर अधिकारियों की टीम ने सीढ़ी लगाई और घर में दाखिल हो गए। बता दें कि ये अक्सर इस तरह की राड़ार में रहते हैं और हुंडी के बड़े करोबारी है तो हवाला के लिए भी ये सुर्खियों में रहते हैं।
मंगलवार की सुबह जब आयकर विभाग के अधिकारी शादियों के बैनर स्टीकर लगी हुई गाडिय़ों से पहुंचे और पांच अलग-अलग ठिकानों में एक साथ छापा मारा तो सवाल ये उठने लगा कि आखिर पांचों के यहां एक साथ दबिश क्यों..? दरअसल, ये सभी कारोबारी किसी न किसी तरह एक दूसरे के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 100 करोड़ की जमीन खरीदी में वैसे तो मुख्य रूप से रामा ग्रुप के नरेश गोयल, मेहरोत्रा ग्रुप के अतुल मेहरोत्रा के अलावा सुनील सेनानी ही शामिल है। लेकिन इस सौदे में लेन देन की अहम भूमिका निभाने वाले हुंडी कारोबारी सीताराम अग्रवाल उर्फ रामू दलाल भी लपेटे में आ गए।
इसी तरह अतुल मेहरोत्रा के साथ मिलकर बड़ी फ्लोर मिल डालने की वजह से संतोष गुप्ता भी आईटी की नजर से नहीं बच पाए। रामा ग्रुप टिंबर और लोहा कारोबार से जुड़ा है। वहीं, सिविल कॉन्ट्रेक्टर अतुल मेहरोत्रा की मेहरोत्रा बिल्डकॉन कंपनी मास्टर प्लान और इंडस्ट्रियल एरिया में काम करती है। सेनानी ग्रुप के बिट्स इंजीनियरिंग कॉलेज और स्कूल हैं।
जानकारी यह सामने आई है कि आईटी के ज्वाइंट डायरेक्टर इन्वेस्टिगेटिंग विंग आईटी जबलपुर जीके मिश्रा के नेतृत्व में 100 सदस्यीय टीम कार्रवाई में लगी है। 5 कारोबारियों के 25 ठिकानों पर जांच जारी होने के दावे किए जा रहे है। फिलहाल तो कारोबारियों के यहां दस्तावेजों को खंगालने का काम चल रहा है। इसके बाद बैंक खातों एवं लॉकर की जांच की जाएगी। कंट्रोल रूम सतना सिविल लाइन स्थित आयकर विभाग कार्यालय की ऊपरी मंजिल में बनाया गया है। सूत्रों का दावा है कि मामले में कई बड़ी मछली जाल में आएंगी और तीन दिनों से अधिक भी यह पड़ताल जारी रह सकती है।