रांची-NewsXpoz : झारखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अवैध आप्रवासन के मामले में उचित हलफनामा दाखिल नहीं करने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। एक जनहित याचिका में दावा किया गया था कि बांग्लादेश से अवैध आप्रवासन संथाल परगना जिलों में रहने वाली यहां की जनसंख्या को प्रभावित कर रहे हैं। जिसको लेकर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है।
इसके पहले मुख्य न्यायाधीश विद्युत रंजन सारंगी और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने देवघर, पाकुड़, दुमका, साहिबगंज, गोड्डा और जामताड़ा के उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में अवैध आप्रवासन की वास्तविक स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
अदालत ने छह संथाल परगना जिलों के एसपी को आदेश दिया था कि वो रिपोर्ट तैयार कर रहे डीसी को फीडबैक दें। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को भी रिपोर्ट संकलित करने के लिए डीसी के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि अदालत की कार्रवाई को गुमराह करने के लिए डीसी की ओर ऐसा किया गया है।
अवैध अप्रवासी जमीन हासिल करने के लिए आदिवासियों से शादी कर रहे : जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि बांग्लादेश से अवैध अप्रवास के कारण संथाल परगना जिलों की सामाजिक जनसांख्यिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अवैध अप्रवासी जमीन हासिल करने के लिए आदिवासियों से शादी कर रहे हैं।
इसके पहले अदालत ने 3 जुलाई को राज्य सरकार को बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों को वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया था।