म्यांमार : विनाशकारी भूकंप में सैकड़ों मौतों के बावजूद सेना के हमले जारी

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नई दिल्ली : म्यांमार में विनाशकारी भूकंप से 1,700 से अधिक लोगों की मौत के बावजूद सेना ने नागरिक इलाकों पर हवाई हमले जारी रखे, जिसकी सरकार विरोधी सशस्त्र समूहों ने कड़ी आलोचना की। सशस्त्र समूहों में से एक ‘करेन नेशनल यूनियन’ (केएनयू) ने एक बयान में कहा कि भूकंप के इस संकट में भी सेना राहत कार्यों के बजाय नागरिकों पर हमले कर रही है। आम तौर पर ऐसी आपदाओं में सेना को बचाव कार्यों में लगना चाहिए, लेकिन सैन्य सरकार (जुंटा) अपने ही लोगों पर हमले करने में व्यस्त है।

साल 2021 में म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना और सशस्त्र विद्रोही समूहों के बीच संघर्ष जारी है। सेना ने लोकतांत्रिक सरकार से सत्ता छीन ली थी, जिससे देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति बन गई। शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के तुरंत बाद सेना ने केएनयू के मुख्यालय के पास हवाई हमले और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। राहत संगठन ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सेना नियंत्रित क्षेत्र में था, लेकिन इसका असर विरोधी गुटों के इलाकों तक भी पहुंचा।

‘राष्ट्रीय एकता सरकार’ (एनयूजी) ने रविवार को घोषणा की कि उसके नियंत्रण में काम करने वाले विरोधी सशस्त्र समूह दो हफ्ते के लिए सैन्य कार्रवाई रोक देंगे। क्राइसिस ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार रिचर्ड हॉर्सी ने बताया कि कुछ विरोधी समूहों ने लड़ाई रोक दी है, लेकिन कई जगह संघर्ष जारी है। उन्होंने कहा कि सेना प्रभावित इलाकों में कोई मदद नहीं दे रही है, बल्कि हवाई हमले कर रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। स्थानीय दमकल विभाग, एंबुलेस सेवा और सामुदायिक संगठन राहत कार्यों में लगे हैं, लेकिन आमतौर पर ऐसे संकट में सेना जो मदद करती है, वह कहीं नजर नहीं आ रही। इस संकट में भी सेना के हमले जारी रहने से आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।