नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मिली है। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी सलमान रहमान खान को रवांडा से भारत लाया गया है। सलमान को बेंगलुरु जेल आतंकी साजिश मामले आरोपी बनाया गया था। जांच में कट्टरपंथ और आतंकी गुर्गों को विस्फोटकों की आपूर्ति में उसकी संलिप्तता का पता चला था।
दरअसल, रवांडा जांच ब्यूरो (आरआईबी) इंटरपोल और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) की मदद से सलमान रहमान खान को कल रवांडा की राजधानी किगाली में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, गुरुवार को उसको भारत लाया गया है। यहां पर आतंकी सलमान को औपचारिक रूप से एनआईए को सौंप दिया गया।
बता दें कि सलामान बेंगलुरू की सेंट्रल जेल में बंद था। वहां पर वह साल 2018 से 2022 के बीच POCSO एक्ट के तहत सजा काट रहा था। इसी दौरान वह सलमान टी नसीर के संपर्क में आया, जो आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक दोषी आतंकवादी है। जांच में यह पता चला की नासिर ने सलमान को कट्टरपंथी बनाने और जेल की दीवारों के भीतर ही एक आतंकी मॉड्यूल को अंजाम देने में भूमिका निभाई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जब इस मामले में जांच की तो पता चला कि कैसे कट्टरपंथी बनने के बाद सलमान आतंकी गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बन गया। सलमान ने आतंकी गुर्गों के लिए हथियार, गोला बारूद और विस्फोटक खरीद और वितरण में सहायता की। जांच में यह भी पता चला कि नसीर ने अदालत में पेशी के दौरान खुद को भागने में मदद करने की साजिश भी रची। इस पूरी योजना में सलमान भी शामिल था। बाद में जब आतंकी साजिश का पर्दाफास हुआ तो सलमान भारत से भाग गया, रवांडा में अपनी गिरफ्तारी तक अधिकारियों से बचता रहा।
जानकारी दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल 25 अक्तूबर को बेंगलुरु सिटी पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद सलमान के खिलाफ बेंगलुरु जेलों में आतंकी साजिश का मामला दर्ज किया। हालांकि, आतंकी सलमान को पहले ही भगोड़ा घोषिया किया जा चुका था। वहीं, सलमान पर यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे।