नई दिल्ली : अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर एक सैन्य विमान 5 फरवरी 2025 को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. इस विमान में 104 भारतीय नागरिक थे.
अब सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि अमेरिका से दूसरा विमान 119 अवैध भारतीयों को लेकर 15 फरवरी रात 10 बजे तक अमृतसर हवाई अड्डे पहुंच सकता है. इनमें 119 अवैध भारतीय प्रवासियों में से 67 पंजाब, 33 हरियाणा, आठ गुजरात, तीन उत्तर प्रदेश, दो-दो गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान तथा एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं. हालांकि दूसरे विमान के भी पंजाब में उतरने के लेकर सिसायत तेज हो गई है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर हवाई अड्डे पर अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक और विमान के आने की संभावना पर शुक्रवार को सवाल उठाया और केंद्र सरकार पर पंजाब को बदनाम करने का आरोप लगाया. अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए मान ने आरोप लगाया,’भाजपा नीत केंद्र सरकार हमेशा पंजाब के साथ भेदभाव करती है. वह पंजाब को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ती.’ उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत वे पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.’
मान ने पहले कहा था कि अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिका से आए पहले विमान में हरियाणा और गुजरात से 33-33 लोग और पंजाब से 30 लोग थे. उन्होंने कहा,’अब दूसरा विमान आ रहा है. यह भी कल अमृतसर हवाई अड्डे पर आएगा. अमृतसर को क्यों चुना गया है? केंद्र और विदेश मंत्रालय को मुझे बताना चाहिए. आपने अमृतसर को क्यों चुना? आपने पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने का विकल्प चुना है.’
विमान को अमृतसर में उतारने के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने आरोप लगाया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब को निशाना बना रही है. चीमा ने कहा,’सरकार यह सुनिश्चित करके पंजाब को बदनाम करना चाहती है कि निर्वासित भारतीयों को ले जाने वाला विमान अमृतसर में उतरे. हरियाणा या गुजरात क्यों नहीं? यह साफ तौर पर भाजपा के ज़रिए पंजाब की छवि खराब करने की कोशिश है. इस विमान को अहमदाबाद में उतरना चाहिए.’
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले पुष्टि की थी कि अमेरिका ने भारत को 487 संभावित भारतीय नागरिकों के बारे में सूचित किया है, जिन्हें निष्कासन आदेश जारी किए गए हैं. यह कार्रवाई उन लोगों पर हो रही है जिन्होंने गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश की थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि यात्रा के दौरान उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, उड़ान के दौरान उनके हाथ-पैर बेड़ियां लगाकर रखे गए और उतरने के बाद ही बेड़ियां खोली गईं. दुर्व्यवहार के मुद्दे पर मिसरी ने इसे ‘वैध चिंता’ बताया और आश्वासन दिया कि भारत सरकार इस मामले को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाएगी. हालांकि संसद में इस मुद्दे पर हंगामे के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यह कार्रवाई अमेरिकी कानून के तहत हुई थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए बताया कि अमेरिका से भारतीय अप्रवासियों का निर्वासन कई वर्षों से चल रहा है, 2009 से अब तक 15,668 अवैध भारतीय अप्रवासियों को निर्वासित किया जा चुका है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि यह प्रक्रिया नई नहीं है लेकिन सरकार अपने नागरिकों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.