सोनिया आरोपी नंबर एक…राहुल गांधी दूसरे; ईडी का दावा- संपत्ति हड़पने के लिए रची साजिश

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नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कुछ नेताओं पर 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है। 
ईडी ने इस मामले में दायर अपने आरोपपत्र में सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक बनाया है, जबकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो बनाया है। इन दोनों के अलावा कांग्रेस नेता सुमन दुबे और सैम पित्रोदा, दो कंपनियों यंग इंडियन और डोटेक्स मर्केंडाइज प्रा. लि. और डोटेक्स से जुड़े सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया गया है।

धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दायर ईडी के आरोपपत्र में कहा गया है, कांग्रेस के नेताओं ने अपनी सार्वजनिक कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर सिर्फ 50 लाख रुपये में निजी कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिए, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 38-38 फीसदी शेयर हैं।

सूत्रों के अनुसार ईडी ने इस केस में 988 करोड़ रुपये के धन शोधन का आरोप लगाया है और एजेएल की संपत्तियों की वर्तमान कीमत 5 हजार करोड़ रुपये आंकी है। ईडी ने जिन धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया है उसमें आरोपियों को सात साल जेल की सजा हो सकती है।

ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज विशाल गोगने की अदालत में 9 अप्रैल को ही आरोपपत्र दाखिल किया जिसपर मंगलवार को विशेष जज विशाल गोगने ने संज्ञान लेने के लिए विचार किया और आगे की कार्यवाही के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय कर दी। आरोपपत्र में सोनिया और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम भी शामिल किए गए हैं। 
जज गोगने ने कहा, अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, इसके विचार के लिए 25 अप्रैल, 2025 को फिर यह अदालत सुनवाई करेगी। तब ईडी और जांच अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अदालत के अवलोकन के लिए मामले की केस डायरी भी मौजूद हो।

शनिवार को ईडी ने कहा था कि उसने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया है, जिन्हें उसने इस जांच के तहत कुर्क किया है। एजेएल नेशनल हेराल्ड समाचार प्लेटफॉर्म (समाचार पत्र और वेब पोर्टल) का प्रकाशक है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है।

एजेंसी ने आरोपपत्र में कहा कि दिवंगत कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के खिलाफ कार्यवाही ‘स्थगित’ हो गई है और वह आने वाले दिनों में एक पूरक आरोपपत्र भी दाखिल कर सकती है। वोरा और फर्नांडिस इस मामले में आरंभ में आरोपी बनाए गए थे और जांच के दौरान उनकी मौत हो गई।