नई दिल्ली : साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण रविवार (21 सितंबर) की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हुआ और अगले दिन तड़के 3 बजकर 23 मिनट तक चला. खास बात ये है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया. ये ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के दक्षिणी हिस्सों में देखा गया.
ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, जिसमें सूर्य, चंद्र और बुध तीनों एक ही राशि में आ गए. इस स्थिति को ज्योतिष में बुधादित्य योग कहा जाता है. यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण है, जो पितृपक्ष के समापन के साथ लग रहा है. पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर को लगे चंद्र ग्रहण से हुई थी.
भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लगता है, जिसके दौरान शुभ कार्य, यात्रा और नई चीजों की खरीदारी टालने की सलाह दी जाती है, हालांकि इस बार भारत में ग्रहण दिखाई न देने की वजह से सूतक काल लागू नहीं होगा लेकिन ग्रहण के प्रभाव को लेकर धार्मिक आस्था और ज्योतिष के मुताबिक सावधानी बरतना उचित माना जाता है.
साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 और 22 सितंबर की दरमियानी रात शुरू हुआ और तड़के 03.23 मिनट पर खत्म हुआ. अगला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 दिन मंगलवार को लगेगा. 2026 का ये पहला सूर्य ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, मोजम्बीक, जाम्बिया, तन्जानिया, मॉरीशस सहित अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिकी देशों में दिखाई देगा. अभी खत्म हुए ग्रहण का मध्य समय यानी पीक टाइम रात 1 बजकर 11 मिनट पर था. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 23 मिनट की रही.
साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण जारी है. अब अगला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 दिन मंगलवार को लगेगा. यह एक कंकण सूर्य ग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा. 2026 का ये पहला सूर्य ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, मोजम्बीक, जाम्बिया, तन्जानिया, मॉरीशस सहित अंटार्कटिका और दक्षिण अमेरिकी देशों में दिखाई देगा.