आज मनाया जा रहा है पृथ्वी दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास और थीम

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नई दिल्ली : पृथ्वी एकमात्र ऐसा गृह है, जहां जीवन संभव है। ये हमारे जीवन का आधार हैं। पृथ्वी पर वायु, जल, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश और अनुकूल तापमान समेत जीवन जीने के लिए सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं।
पृथ्वी केवल इंसानों के लिए नहीं, बल्कि सभी जीवों के लिए जीवनदायिनी है। हालांकि वक्त के साथ सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इतना ज्यादा हो रहा है कि एक ऐसा वक्त भी आ सकता है जब सभी संसाधन खत्म हो सकते हैं।

इन प्राकृतिक संसाधनों के बिना पृथ्वी पर जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा। इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए प्रकृति प्रदत्त चीजों का संरक्षण करने की आवश्यकता है। इस आवश्यकता के बारे में सभी को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को ‘पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है।

इस लेख के माध्यम से जानिए पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत किसने ओर और कब की? हम जिस ग्रह पर रहते हैं उसे अर्थ नाम किसने और क्यों दिया? विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर इस दिन के इतिहास, महत्व और जरूरी बातों के बारे में जानिए।

हर साल पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है। भारत समेत लगभग 195 से ज्यादा देश पृथ्वी दिवस मनाते हैं। धरती के संरक्षण से जुड़े इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1970 में हुई थी। सबसे पहले अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण की शिक्षा के तौर पर इस दिन की शुरुआत की।

एक साल पहले 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव की वजह से त्रासदी हो गई। इस हादसे में कई लोग आहत हुए और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला लिया गया। इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल को लगभग दो करोड़ अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस पहली बार मनाया।

साल 1970 से हर साल पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा। हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए एक खास थीम रखी जाती है। पृथ्वी दिवस 2025 की थीम हमारी शक्ति, हमारा ब्रह्मांड (Our Power, Our Planet) है।

पृथ्वी या अर्थ शब्द को सबसे पहले जूलियन कोनिग दुनिया के सामने लाए थे। उनका जन्मदिन 22 अप्रैल को होता था। इसलिए पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत 22 अप्रैल को अपने जन्मदिन के दिन करते हुए उन्हें इसे अर्थ डे नाम दिया। कोनिग का मानना था कि अर्थ डे और बर्थडे एक अच्छा ताल मिलाता है।