J&K : अभिनेता नाना पाटेकर पहुंचे राजोरी, पाकिस्तानी गोलाबारी पीड़ितों से की मुलाकात

Nana-patekaar

राजौरी : फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर आज राजोरी पहुंचे, जहां उन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से मुलाकात की और राहत सामग्री व आर्थिक सहायता बांटी। इस दौरान वे भावुक हो गए और कहा कि सीमा पर रहने वाले हमारे अपने लोग हैं, जिनके साथ हम खड़े हैं।

नाना पाटेकर अपने ‘निर्मला गजानन फाउंडेशन’ के तहत इस दौरे पर आए थे। उन्होंने बताया कि 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में जान गंवाने वाले और घरों को नुकसान झेलने वाले 117 परिवारों को कुल 42 लाख रुपये की सहायता दी गई।

पाटेकर ने बताया कि उन्होंने एक 11 वर्षीय बच्ची की पढ़ाई की जिम्मेदारी खुद उठाई है, जिसके पिता अमरीक सिंह की मौत पुंछ में पाकिस्तानी हमले में हुई थी।

यह हमारी छोटी-सी कोशिश है यह बताने की कि सीमा पर रहने वाले लोग अकेले नहीं हैं। हमें सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए, हर व्यक्ति को आगे आकर कम से कम एक परिवार को गोद लेना चाहिए। इस मौके पर उनके साथ 25वीं इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और राजोरी के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक शर्मा भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा मैं तो सिर्फ एक चेहरा हूं, असली काम पीछे से हो रहा है, फिल्म इंडस्ट्री से अमिताभ बच्चन और जॉनी लीवर भी इस काम में सहयोग कर रहे हैं।काम तो हमारी टीम कर रही है। ये शुरुआत है, हम इसे जारी रखेंगे।

नाना पाटेकर ने बताया कि उनका फाउंडेशन जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और कश्मीर में कुल 48 आर्मी गुडविल स्कूलों को गोद ले चुका है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को सुधारा जा सके।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बॉर्डर इलाकों के लिए अस्पताल बनवाएंगे, तो उन्होंने कहा अस्पताल बनाना आसान है, पर उसे चलाना और बनाए रखना बहुत मुश्किल काम है। जम्मू-पुंछ नेशनल हाईवे की खराब हालत पर उन्होंने कहा कि वे यह मुद्दा दिल्ली में संबंधित अधिकारियों के सामने उठाएंगे।

मेजर जनरल मुखर्जी ने नाना पाटेकर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, हम उनका आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया।