नई दिल्ली : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयोग लगातार कुछ न कुछ बदलाव कर रहा है. इस दिशा में चुनाव आयोग ने मतगणना के नियमों में भी बदलाव किया है. आयोग ने मतगणना को लेकर अधिक पारदर्शिता लाने के मकसद से लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बैलेट पेपर की गिनती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर दिया है. अब नई व्यवस्था के तहत ईवीएम या वीवीपीएटी की दूसरे अंतिम चरण की गिनती तभी शुरू होगी, जबकि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाए.
बैलेट पेपर की गिनती को लेकर चुनाव आयोग ने तय किया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती के बाद ही ईवीएम के वोटों की गिनती को पूरा किया जाएगा. आयोग ने कहा कि ईवीएम या वीवीपीएटी की दूसरे अंतिम चरण की गिनती तभी शुरू होगी, जबकि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो जाए.
मतगणना को लेकर पहले क्या थी प्रक्रिया : अब तक, मतगणना वाले दिन पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8 बजे और ईवीएम की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होती थी. पहले के निर्देशों के अनुसार, सैद्धांतिक रूप से पोस्टल बैलेट की गिनती के किसी भी चरण को देखे बगैर ही ईवीएम की गिनती जारी रह सकती है और पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने से पहले इसके पूरा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
हालांकि, पोस्टल बैलेट की गिनती आमतौर पर ईवीएम की गिनती से पहले पूरी हो जाती है, लेकिन मतगणना प्रक्रिया में एकरूपता और अधिक स्पष्टता लाने के मकसद से चुनाव आयोग ने अब फैसला लिया है कि ईवीएम की गिनती का अंतिम से पहले वाला (Second Last Round) दौर, उस मतगणना केंद्र पर पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही शुरू किया जाएगा जहां पोस्टल बैलेट की गिनती की जा रही है.
बिहार चुनाव से लागू होगी नई व्यवस्था : यह नई प्रक्रिया सबसे पहले बिहार के चुनाव में लागू की जाएगी क्योंकि यहां पर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. आयोग ने अपने आदेश में यह भी निर्देश दिया कि जिन मामलों में पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक है, वहां रिटर्निंग अधिकारी यह तय करें कि पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि मतगणना में कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित बनाया जा सके.
मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने पिछले कुछ सालों में दिव्यांगजनों और 85 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर से मतदान को लेकर कई तरह की पहल की है, इस वजह से पोस्टल बैलेट की संख्या में खासी वृद्धि हुई है.
चुनाव आयोग की ओर से यह कदम चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने के लिए पिछले छह महीनों में की गई यह 30वीं पहल है. चुनाव आयोग ने पहले ही कई तरह के उपायों को लागू किया है, जिनमें वोटर्स के लिए मोबाइल जमा सुविधाएं, पोलिंग बूथों की वेबकास्टिंग और टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग शामिल है.