दुश्मन के ठिकाने पल भर में होंगे तबाह, जोरावर लाइट टैंक ने नाग मिसाइल से दिखाया दम

DRDo-Light

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की तरफ से विकसित और लार्सन एंड टुब्रो द्वारा बनाया गया जोरावर लाइट टैंक ने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (नाग एमके II) को सफलतापूर्वक दागा है। डीआरडीओ के अधिकारियों के अनुसार, इस परीक्षण में टैंक की पूरी क्षमता दिखाई दी। सभी मुख्य मापदंड जैसे रेंज, टॉप अटैक मोड में चलाने की क्षमता और सटीक निशाना पूरी तरह से सफल रहे।

यह टैंक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने डिजाइन और विकसित किया है, जबकि निर्माण लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने किया। इस परियोजना पर खासतौर से लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) काम कर रहा है, जो डीआरडीओ की अहम प्रयोगशाला है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि सीवीआरडीई ने हल्के टैंक से नाग मिसाइल फायर करने की क्षमता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है। इस परीक्षण में सभी लक्ष्य पूरे हुए, चाहे वह रेंज हो, मैन्युवरिंग (दिशा बदलने की क्षमता), टॉप अटैक मोड में निशाना साधना या फिर सटीकता।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ और इससे जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता भारतीय रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करेगी और हमारी सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस करने में मददगार साबित होगी।

ये दुर्गम और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में आसानी से चल सकता है। टॉप अटैक मोड में दुश्मन के टैंकों को सटीक निशाना बना सकता है। भविष्य में इसे भारतीय सेना में शामिल कर सीमा क्षेत्रों में तैनात किया जा सकेगा। इस परीक्षण से यह साबित हो गया है कि भारत अब हल्के टैंकों में भी एडवांस मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल करने में सक्षम है। यह कदम न सिर्फ सेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि देश को विदेशी हथियारों पर निर्भरता से भी मुक्त करेगा।