भाला फेंक में नवदीप का रजत सोने में बदला, भारत की झोली में सातवां स्वर्ण

Paris@olympic

पेरिस : भारत के पैरा भाला फेंक एथलीट नवदीप ने पुरुष भाला फेंक एफ41 स्पर्धा में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नवदीप ने अपने तीसरे प्रयास में 47.32 मीटर का थ्रो किया जो उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो रहा। हालांकि, इससे पहले नवदीप को रजत पदक विजेता घोषित किया गया था। बाद में ईरानी एथलीट बेत सयाह सादेघ को अयोग्य घोषित कर दिया गया। 

इस कारण नवदीप का रजत पदक स्वर्ण पदक के रूप में अपग्रेड कर दिया गया। इसी के साथ भारत अब तक इस पैरालंपिक में सात स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य पदक समेत 29 पदक जीत चुका है। चीन के पेंगजियांग (44.72 मीटर) को इस स्पर्धा का रजत पदक मिला।

नवदीप की सफलता पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई संदेश भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि पेरिस पैरालंपिक में सिल्वर जीतना आने वाली पीढ़ियों को इस खेल से जुड़ने और चुनौतियों का बुलंद हौसले के साथ डटकर मुकाबला करने के लिए प्रेरित करेगी।

ईरान के बेत सयाह सादेघ को बार-बार आपत्तिजनक झंडा दिखाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। सयाह ने अंतिम प्रयास में 47.64 मीटर भाला फेंक कर नया पैरालंपिक रिकॉर्ड कायम किया, लेकिन अपनी आपत्तिजनक हरकतों के कारण उन्हें पदक गंवाना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियमों के अनुसार एथलीट स्पर्धा में किसी तरह के राजनीतिक इशारे नहीं कर सकते। सयाह को खेल के प्रति अनुचित व्यवहार के कारण अयोग्य करार दिया गया।

नवदीप दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा के गृहनगर पानीपत से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि भाला फेंक स्पर्धा के लिए नीरज से ही प्रेरणा मिली। बकौल नवदीप, ‘जब नीरज भाई ने जूनियर विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, तो मैंने सोचा कि वह भी हमारे शहर से हैं और मैं भी ऐसा कर सकता हूं।’

यह पुरुषों की भाला एफ41 श्रेणी में भारत का पहला स्वर्ण पदक है। एफ41 श्रेणी छोटे कद के एथलीटों के लिए है। नवदीप के इस स्वर्ण पदक के साथ टोक्यो पैरालंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने की कसक दूर हो गई। आयकर विभाग में निरीक्षक के पद पर तैनात नवदीप ने 2017 में खेलना शुरू किया था। बीते लगभग आठ साल में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पांच बार पदक जीते हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में पैरा-विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।

भारत पैरालंपिक के इतिहास में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुका है। उसने टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित कुल 19 पदक जीते थे। नवदीप ने फाउल के साथ शुरुआत की और फिर दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का थ्रो किया। तीसरे प्रयास में हालांकि, वह सभी से आगे निकलने में सफल रहे और उन्होंने पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ा। पांचवें प्रयास में ईरान के बेत सयाह सादेघ ने 47.64 मीटर का थ्रो किया और नया पैरालंपिक रिकॉर्ड कायम कर दिया।

नवदीप ने फिर चौथे प्रयास में फाउल किया, जबकि पांचवें प्रयास में 46.05 मीटर का थ्रो किया। इसके बाद अंतिम और छठे प्रयास में फाउल कर बैठे। हालांकि, जब ईरानी एथलीट को अयोग्य करार दिया गया तो दूसरे नंबर पर रहे नवदीप के प्रदर्शन की बदौलत भारत की झोली में सातवां स्वर्ण पदक आ गया। नवदीप ने पैरालंपिक रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। जबकि इस स्पर्धा का कांस्य पदक इराक के नुखाइलावी वाइल्डन (40.46) ने जीता। ईरानी एथलीट की अयोग्यता के कारण हुए बदलाव से पहले कांस्य 44.72 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करने वाले चीन के सुन पेंगजियांग को दिया गया था।

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