नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के शीत सत्र में सिगरेट, गुटखा और पान मसाला जैसे अस्वास्थ्यकर उत्पादों पर कराधान के लिए दो नए विधेयक पेश करेंगी। केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक, 2025, जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा, जो वर्तमान में सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू, सिगार, हुक्का, जर्दा और सुगंधित तंबाकू जैसे सभी तंबाकू उत्पादों पर लगाया जाता है। वहीं, स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक, 2025, पान मसाला जैसी विशिष्ट वस्तुओं के उत्पादन पर उपकर लगाने का प्रावधान करता है।
स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक, 2025 के तहत अब मशीन की क्षमता, मशीन कितनी बार चलती है और उत्पादन से जुड़े अन्य पहलुओं पर उपकर लगाया जाएगा। इस विधेयक के तहत बड़ा बदलावा जीएसटी दर में होने वाला है।
तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी पहले के 28 फीसदी प्लस कंपनसेशन सेस से बढ़कर 40 फीसदी प्लस कंपनसेशन सेस हो जाएगा। अभी कंपनसेशन सेस उत्पाद के अनुसार 5 फीसदी से लेकर 290 फीसदी तक लगता है। हालांकि जीएसटी दर बढ़ने के बाद भी उपभोक्ता जो कर चुकाएंगे उसमें बदलाव नहीं होगा।
उदाहरण के लिए, किसी खास तरह के सिगरेट पर अभी 28 फीसदी जीएसटी के साथ-साथ 290 फीसदी कंपनशेसन सेस यानी कुल 318 फीसदी टैक्स लगता है। बदलाव के बाद जीएसटी 40 फीसदी रहेगा लेकिन कंपनसेशन सेस घटकर 278 फीसदी हो जाएगा। इस तरह उपभोक्ता को उस सिगरेट पर 318 फीसदी टैक्स ही देना होगा। संसद से विधेयक पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सरकार नियमों को अधिसूचित करेगी।
समाजवादी पाटी के सांसद रामगोपाल यादव और पश्चिम बंगाल से माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने एसआईआर पर चर्चा न कराए जाने पर संसद न चलने देने की चेतावनी दी। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा। रामगोपाल ने कहा कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं होगी, तो हम संसद नहीं चलने देंगे। वहीं, जॉन ब्रिटास ने कहा कि चुनाव सुधार के नाम पर ही सही, सरकार को एसआईआर पर चर्चा की मांग स्वीकार करनी चाहिए।
