नई दिल्ली : श्रीलंका में तबाही मचाने के बाद चक्रवात ’दित्वा’ भारत के पास पहुंच चुका है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तूफान भारतीय तट से टकराने से पहले ही कमजोर हो जाएगा और एक डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा। यह तूफान तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से लगभग 30 किलोमीटर दूर ही खत्म हो जाएगा। हालांकि, इस वजह से देश के दक्षिण पूर्वी राज्यों में भारी बारिश हो रही है। इसका असर फसलों पर हुआ है। कई इलाकों में जल जमाव हो रहा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पुडुचेरी में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। पुडुचेरी के गृह मंत्री ए. नमस्सिवायम ने कहा कि भारी बारिश की वजह से एक दिसंबर को सरकारी और सरकारी मदद वाले स्कूल बंद रहेंगे। वहीं, तमिलनाडु में भारी बारिश के चलते लोगों को खासी परेशानी हो रही है।
चक्रवात दित्वा की वजह से तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। खासकर नागपट्टिनम जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। सुनामी नगर में कई घर पहले से ही गिरने की कगार पर थे, उनकी छतें दो महीने पहले दोबारा बनाने के लिए हटा दी गई थीं। हालांकि, दो महीने बाद भी मरम्मत का काम पूरा नहीं हुआ है, इसलिए वहां के लोग लगातार हो रही बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस वजह से, प्रभावित परिवारों को राहत कैंपों में भेज दिया गया है।
चक्रवात ‘दित्वा’ के कमजोर होकर गहरे अवदाब (डिप्रेशन) में तब्दील होने की आशंका है। यह रविवार मध्य रात्रि तक उत्तरी तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के तटों से कम से कम 30 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित हो जाएगा। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने यह जानकारी दी। चक्रवात ‘दित्वा’ के बारे में ताजा जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने कहा कि यह कुड्डालोर से लगभग 90 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, कराईकल से 120 किमी उत्तर-पूर्व, पुडुचेरी से 90 किमी दक्षिण-पूर्व, वेदारण्यम से 170 किमी उत्तर-पूर्व और चेन्नई से 150 किमी दक्षिण-पूर्व में केंद्रित है।
रविवार शाम मौसम विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया, ‘‘उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों से चक्रवात के केंद्र की न्यूनतम दूरी लगभग 80 किमी है। अगले तीन घंटों के दौरान इसके उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों के समानांतर उत्तर की ओर बढ़ने और एक गहरे अवदाब के क्षेत्र में कमजोर पड़ने की बहुत संभावना है।’’ चक्रवात पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और रविवार की मध्यरात्रि तक इसके उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तट से कम से कम 30 किमी की दूरी पर रहने की उम्मीद है।
निजी मौसम ब्लॉगरों ने बताया कि चक्रवात के देर रात चेन्नई के करीब पहुंचने पर कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, चेन्नई, चेंगलपट्टू और रानीपेट जिलों में तेज बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘रात से कल सुबह तक बादल छाये रहने की उम्मीद है। चक्रवात के खुले समुद्र में थमने से पहले कुछ और बारिश हो सकती है।’’
इससे पहले, राज्य सरकार ने कहा कि चक्रवात के कारण तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश जारी रही और वर्षा से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। राज्य के कावेरी डेल्टा जिलों में भारी बारिश के कारण रामनाथपुरम और नागपट्टिनम जिलों में सबसे अधिक बारिश हुई। तटीय शहरों- रामेश्वरम और नागपट्टिनम में जनजीवन प्रभावित रहा, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई निचले इलाके जलमग्न हो गए।
बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात के प्रभाव के कारण, अगले 24 घंटों में कुड्डालोर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, तिरुवरूर, अरियालुर, पेरम्बलुर, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों तथा पुडुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है, जो बढ़कर 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं।
बुलेटिन में कहा गया है कि समुद्री मौसम खराब रहने की आशंका है और एक दिसंबर की सुबह तक इसमें धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। बुलेटिन में कहा गया है कि समुद्र में उतरे मछुआरों को एक दिसंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र और तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए। (इनपुट- पीटीआई)
