नई दिल्ली : सरकार ने दिल्ली एयरपोर्ट पर साइबर अटैक की बात मान ली है. राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इसकी जानकारी दी. नायडू ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर साइबर अटैक हुआ था. विमानों के GPS सिग्नल से छेड़छाड़ की गई थी. 10 नवंबर को IGI एयरपोर्ट पर GPS स्पूफिंग हुई थी. दिल्ली, कोलकाता समेत सात एयरपोर्ट पर साइबर अटैक की कोशिश की गई थी.
दरअसल, कुछ दिन पहले दिल्ली एयरपोर्ट के ट्रैफिक सिस्टम में अचानक आई खराबी के बाद इसकी हाई लेवल जांच शुरू हुई थी. विमानों का संचालन 12 घंटे से ज्यादा प्रभावित रहा था. 700 से ज्यादा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स देरी देर से उड़ान भरी थीं.
वहीं, कुछ विमानो को रद्द कर दिया गया था. करीब 48 घंटे के बाद एयरपोर्ट का ऑपरेशन सामान्य हुआ. इसको लेकर जो बैठक हुई थी, उसमें एयरपोर्ट, सुरक्षा एजेंसियों समेत अन्य सभी स्टेकहोल्डरों को बुलाया गया था.
नागरिक उड्डयन मंत्री ने क्या कहा : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर कुछ उड़ानों में स्पूफिंग की शिकायतें मिलीं. मगर इस घटना में भी कोई विमान प्रभावित नहीं हुआ. डीजीसीए ने 24 नवंबर 2023 को GNSS इंटरफेरेंस पर एडवाइजरी जारी की और GPS जामिंग/स्पूफिंग की अनिवार्य रिपोर्टिंग का आदेश दिया.
इसके अलावा उन्होंने कहा क 10 नवंबर 2025 से रियल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए नई एसओपी भी जारी की गई. उन्होंने कहा कि डीजीसीए और AAI लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं. GPS स्पूफिंग एक साइबर हमला है जिसमें नकली सिग्नल भेजकर डिवाइस को गलत लोकेशन दिखाई जाती है, जो विमानों के नेविगेशन को प्रभावित कर सकता.
GPS spoofing क्या है : GPS स्पूफिंग एक प्रकार का साइबर अटैक होता है. इसमें हमलावर नकली सैटेलाइट सिग्नल भेजते हैं, जिससे विमान को गलत लोकेशन या गलत डेटा दिखने लगता है. ऐसे में यह विमानों के नेविगेशन को प्रभावित कर सकता है. इससे खतरा की संभावना बढ़ जाती है. विमान अपनी असली दिशा से भटक सकता है या फिर उस लोकेशन पर जा सकता है जो असल है नहीं.
